हमारा सौरमण्डल

सूर्य (Sun)

  • सूर्य हमारे सौरमण्डल का केंद्रीय भाग, चमकता हुआ तारा है, इसके अलावा हमारे सौरमण्डल में 8 ग्रह (Planets), उनके उपग्रह एवं उल्का पिंड, पुच्छल तारे आदि भी पाए जाते हैं।
  • सूर्य से ही अन्य ग्रहों की उत्पत्ति मानी जाती है।
  • सूर्य का वह भाग जो हमें दिखाई देता है, प्रकाश मण्डल (Photosphere) कहलाता है, जबकि परिधि वाला भाग जो केवल सूर्यग्रहण के समय दिखाई देता है, कोरोना कहलाता है।
  •  सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक पहुँचने में लगभग 8 मिनट व 20 सेकण्ड लगते हैं।

सूर्य का संघटन

  • सूर्य में 71% हाइड्रोजन उपस्थित होता है।
  • सूर्य में 27% हीलियम उपस्थित होती है।
  • सूर्य में 2-3% अन्य पदार्थ उपस्थित होते हैं।
  • पृथ्वी तथा सूर्य के मध्य अधिकतम दूरी 15.21 करोड़ किमी. होती है तथा न्यूनतम दूरी 14.7 करोड़ किमी. होती है।
  • सूर्य का व्यास 13,92,000 किमी. होता है।
  • सूर्य का द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का 3,32,000 गुना है।
  • सूर्य के प्रकाशमण्डल पर इसका तापमान 6000C होता है, जबकि केंद्रीय भाग पर इसका तापमान 15 मिलियन C होता है। 
  • सूर्य की सतह पर लगातार हाइड्रोजन के छोटे नाभिक मिलकर हीलियम के बड़े नाभिकों का निर्माण करते हैं, इस नाभिकीय संलयन की क्रिया में अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है।
  • सूर्य की सतह पर अत्यधिक गर्म सौर ज्वालाएँ (Solar Flames) उठती है, जो कई बार पृथ्वी के वायुमण्डल की बाहरी परतों तक पहुँचती है, जिससे हमारा दूरसंचार तंत्र (Communication  System) भी प्रभावित होता है।

सूर्य की सतह पर जहाँ सौर ज्वालाएँ उत्पन्न होती है, वहाँ गहरे धब्बे (Spots) दिखाई देते हैं, इन्हें सौर-कलंक (Sun-Spots) भी कहते हैं।

सूर्य का अध्ययन करने के लिए इसरो का प्रथम मिशन “आदित्य-L-1” भेजा जाएगा, जो लंग्रांज बिंदु पर रह कर सूर्य का अध्ययन करेगा।

ग्रह ( Planets )

यह सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करने वाले आकाशीय पिण्ड है, जिनका स्वयं का प्रभावी गुरुत्वाकर्षण बल होता है तथा यह सूर्य की परिक्रमा करते समय किसी अन्य ग्रह की कक्षा में नहीं जाते हैं।

सूर्य से दूरी क्रम में 8 ग्रह

 बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि,अरुण, वरुण

सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर पश्चिम से पूर्व की ओर गति करते हैं, लेकिन शुक्र व अरुण पूर्व से पश्चिम की ओर गति करते हैं।

बुध (Mercury)

  • सौर मण्डल का सबसे छोटा ग्रह, जो सूर्य के सबसे निकट स्थित होता है।
  • बुध ग्रह पर वायुमण्डल अनुपस्थित होता है।
  • यह सूर्य का एक चक्कर 88 दिन में पूरा करता है।
  • यहाँ दिन अत्यधिक गर्म व रातें बहुत ठण्डी होती है, दैनिक तापान्तर बहुत ज्यादा होता है। (लगभग 500 से 600BC) 
  • इसका कोई प्राकृतिक उपग्रह नहीं है।

शुक्र ( Venus )

यह सौरमण्डल का सबसे गर्म ग्रह है, क्योंकि सूर्य के पास होने के साथ ही इसके वायुमण्डल में लगभग 95% कार्बन डाई ऑक्साइड (Co2) होती है, जिसके कारण इसका वायुमण्डल इससे परावर्तित व उत्सर्जित विकिरणों के लिए अपारगम्य हो जाता है।

सूर्य तथा चंद्रमा के बाद हमारे सौरमण्डल में सर्वाधिक चमकीला ग्रह ‘शुक्र ग्रह’ है।- प्रात: काल में यह पूर्व दिशा में तथा शाम के समय में पश्चिम दिशा में तेज चमकता हुआ दिखाई देता है, इसलिए इसे “भोर का तारा या सांझ का तारा” भी कहते हैं।

  • शुक्र ग्रह को ‘पृथ्वी की बहन’ भी कहा जाता है, क्योंकि शुक्र ग्रह का आकार पृथ्वी के लगभग बराबर होता है।
  • इसका भी कोई प्राकृतिक उपग्रह नहीं होता है।
  • शुक्र ग्रह सूर्य का 1 चक्कर 225 दिन में पूरा करता है।

पृथ्वी (Earth)

  • सौरमण्डल का एकमात्र ग्रह जहाँ जीवन पाया जाता है।
  • पृथ्वी का लगभग ¾ भाग जल से घिरा होने के कारण इसे ‘नीला ग्रह’ (Blue Planet) भी कहते हैं।
  • पृथ्वी अपनी अक्ष पर 23½o झुकी हुई है।
  • पृथ्वी सूर्य के चारों ओर 365 दिन मे एक चक्कर पूरा करती है।
  • अपनी अक्ष पर घूर्णन के कारण पृथ्वी पर दिन एवं रात होते है।

मंगल (Mars)

  • लाल रंग का दिखाई देने के कारण इसे लाल ग्रह भी कहते हैं।
  • इसके दो प्राकृतिक उपग्रह होते हैं- फोबोस तथा डीमोस
  • मंगल सूर्य के चारों ओर 687 दिन में एक चक्कर लगाता है।

बृहस्पति (Jupiter)

  • यह सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह है।
  • इसके उपग्रहों की संख्या 67 है, जिनमें से ‘गैनिमीड’ सबसे बड़ा उपग्रह है।
  • यह ग्रह व तारे दोनों के समान माना जाता है क्योंकि रेडियोधर्मी पदार्थों की उपस्थिति से यह स्वयं भी प्रकाश उत्पन्न करता है।
  • अत्यधिक उपग्रह व प्रकाशमान होने के कारण इसे “मिनी सौर मण्डल” भी कहते हैं।
  • इस ग्रह के वायुमण्डल में हाइड्रोजन, हीलियम, अमोनिया व मीथेन उपस्थित होते हैं।
  • यह 11.9 वर्ष में सूर्य का 1 चक्कर लगाता है।

शनि (Saturn)

  • यह दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है जिसके चारों ओर 7 वलय (Rings) पायी जाती है।
  • इसके वायुमण्डल में भी हाइड्रोजन, हीलियम, मीथेन, अमोनिया आदि उपस्थित होती है।
  • वर्ष 2019 में इसके 20 नए उपग्रह खोजे जाने के बाद इसके उपग्रहों की संख्या सबसे अधिक (82 उपग्रह) हो गई है, इसका सबसे बड़ा उपग्रह ‘टाईटन’ है।
  • शनि ग्रह सूर्य का चक्कर 29.5 वर्ष में लगाता है।

अरुण (Uranus)

  • अपने अक्ष पर बहुत ज्यादा झुका होने के कारण इसे “लेटा हुआ ग्रह” भी कहते हैं।
  • पृथ्वी से टेलीस्कोप से देखने पर हरे रंग का दिखाई देता है।
  • यह सूर्य का चक्कर 84 वर्ष में पुरा करता है।
  • इसके उपग्रहों की संख्या 27 है।

वरुण (Neptune)

  • यह सौर मण्डल का अंतिम ग्रह है।
  • इसका वायुमण्डल अत्यधिक घना होता है, जिसमें हाइड्रोजन, हीलियम, मीथेन तथा अमोनिया उपस्थित होता है।
  • यह सूर्य का चक्कर 165 वर्ष में पूर्ण करता है।
  • इसके उपग्रहों की संख्या 13 है।

चन्द्रमा (Moon)

  • यह पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है।
  • चन्द्रमा पर वायुमण्डल अनुपस्थित होता है।
  • पृथ्वी से चंद्रमा की औसत दूरी 3,84,365 किमी. होती है।
  • पृथ्वी के चारों ओर 1 घूर्णन में 27 दिन 7 घंटे 43 मिनट 11.47 सेकण्ड का समय लगता है।
  • चंद्रमा का व्यास 3476 किमी. होता है।
  • चंद्रमा व पृथ्वी के द्रव्यमान का अनुपात 1 : 81.3 होता है।
  • जब चंद्रमा, सूर्य व पृथ्वी गति करते हुए एक ही रेखा में आ जाए तो सूर्यग्रहण (अमावस्या/New Moon) व चंद्रग्रहण (पूर्णिमा/Full Moon) होते हैं।

उल्का पिंड (Meteors)

जब कोई अंतरिक्ष पिण्ड तेज गति से चलता हुआ पृथ्वी के वायुमण्डल में प्रवेश करे तो यह घर्षण के कारण जलने लगता है, जिसके कारण इसमें तीव्र चमक उत्पन्न होती है, इसे ही उल्का पिंड कहते हैं और इसे टूटता तारा भी कहते हैं।

धूमकेतु/पुच्छल तारा (Comet)

यह अंतरिक्ष में गति करते हुए धूल के कणों, जलवाष्प, हिमानी आदि के समूह होते हैं, जो अनियमित पथ पर गति करते हुए जब सूर्य के पास से गुजरते हैं तो इनकी गति की विपरीत दिशा में तेज वाष्प निकलती हुई दिखती है जो अत्यधिक लंबी होने के कारण पूंछ के समान दिखाई देती है, इसे ही पुच्छल तारा कहते हैं।

  • लंबे पुच्छल तारे 70 से 90 वर्षों के अंतराल में दिखते हैं।
  • वर्ष 1986 में ‘हेली कॉमेट’ दिखाई दिया था।   
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