ह्वांग हो नदी – उद्गम बयानहर पर्वत चीन से, यह चीन के लाओस मैदान में प्रवाहित होती है। पीली मिट्टी के कारण इस नदी का जल पीला हो जाता है इसलिए इसे पीली नदी भी कहते हैं। इसे चीन का शोक भी कहते हैं।
एशिया की प्रमुख नदियाँ
इरावदी नदी – दक्षिण पूर्वी एशिया की सबसे लम्बी नदी है। इसे म्यांमार की जीवन रेखा भी कहा जाता है।
दजला टिगरिस – टारस पर्वत से उद्गम होता है और फरात इसकी सहायक नदी है।
यांग्त्सी – क्यांग नदी – उद्गम – तिब्बत के पठार से होता है। इस नदी पर थ्री गार्जेज डेम बना हुआ है। यह 3600 किमी. लम्बी नदी एशिया महाद्वीप की सबसे लम्बी नदी है।
ब्रह्मपुत्र नदी – विश्व की सबसे लम्बी नदियों में से एक ब्रह्मपुत्र 3,848 किमी. नदी कैलाश पर्वत के चेमायुडुंग हिमानी से 5,150 मीटर की ऊँचाई से निकलती है।
आमु-दरिया नदी – पामीर पठार से उद्गम होकर यह नदी अफगानिस्तान तजाकिस्तान की सीमा बनाती है।
मेकांग नदी – तांगकूला श्रेणी – तिब्बत से उद्गम होता है। यह नदी चीन-लाओस की सीमा, लाओस-थाइलैण्ड की सीमा बनाती है। चीन, लाओस, दक्षिण चीन सागर में गिरती है। इस नदी तट पर कम्बोडिया की राजधानी नोमपेन्ह स्थित है।
सिंधु नदी – भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग में सिंधु तथा उसकी सहायक नदियाँ विस्तृत क्षेत्र को अपवाहित करती हैं। अकेले सिंधु नदी की सहायक नदियाँ ही हिमालयी प्रदेश के 2,50,000 वर्ग किमी. क्षेत्र को अपवाहित करती हैं।