मानव पाचन तंत्र- आहार नाल- दाँत

पाचन – भोजन के बड़े-बड़े अणुओं को छोटे-छोटे अणुओं में तोड़ने की प्रक्रिया पाचन कहलाती है।

  • मानव में पाचन की प्रक्रिया आहार नाल में सम्पन्न होती है।

आहारनाल

मानव पाचन तंत्र
  • लम्बाई – 10 – 12 मीटर
  • आहार नाल  मुख गुहा से प्रारम्भ होकर गुदा में समाप्त होती है।
  • शाकाहारियों की आहार नाल माँसाहारियों की तुलना में बड़ी होती है क्योंकि सेल्युलोस को पचाने  के लिए अधिक क्षेत्रफल की आवश्यकता है।

आहार नाल

भागपाचन ग्रथियाँ (बहिस्त्रावी)
मुख गुहालार ग्रंथियाँ
ग्रसनीजठरग्रंथियाँ
ग्रसिकाब्रुनर ग्रंथियाँ
आमाशयअग्नाशय ग्रंथि
छोटी आँतयकृत
एपेन्डीकस 
बड़ी आँत 
आहार नाल

मुख गुहा

मुख गुहा में निम्न अंगों को सम्मिलित किया गया है।

  • दाँत
  • जीभ
  • यवला
  • लार ग्रंथियाँ

दाँत

उत्पत्ति के आधार पर दाँत 2 प्रकार के होते हैं-
दुध के दाँत = 20
वयस्क के दाँत = 20 + 12 = 32
संरचना तथा कार्य के आधार पर  = 4

  • इनसाइजर (कृतनक)   8        8         काटना
  • केनायन (रदनक)       4        4         चीरना फाड़ना
  • प्रो-मोलर (अग्रचर्वक)  8        0         चबाना
  • मोलर (चर्वणक)         12       8         चबाना
  • छोटे बच्चों में सर्वप्रथम इनसाइजर दाँत आते है।
  • हाथी दाँत इनसाइजर के रूपान्तर होते है।
  • शेरों में केनायन दाँत सर्वप्रथम विकसित होते है।
  • छोटे बच्चों में प्री-मोलर दाँत नहीं पाये जाते हैं।
  • चूहा दाँतों की लम्बाई को कम करने के लिए वस्तुओं को कुतरता है।


दाँतों की संरचना

इनैमल- दाँतों के ऊपर एक सफेद अवरण पाया जाता है, जिसे इनैमल कहा जाता है।
इनैमल मानव शरीर का सबसे कठोर भाग है क्योंकि यह कैल्सियम कार्बोनेट व कैल्सियम फॉस्फेट से मिलकर बना होता है।
डेन्टीन- इनैमल की निचली परत डेन्टीन कहलाती है। डेन्टीन भाग से तंत्रिकाएँ जुड़ी रहती है।

Note :- मानव द्विबार दन्ती गर्तदन्ती तथा विषमदन्ती कहलाती है।

  • दातुन (Toothpaste) – दाँतों की अम्लीयता को दूर करता है।
  • दातुन में क्षार तथा लवण मिलाये जाते है।
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