अभिप्रेरणा

अभिप्रेरणा

  • किसी कार्य को प्रारंभ कर उसे जारी रखना निश्चित उद्देश्य तक पहुंचाने की प्रक्रिया को अभिप्रेरणा कहते हैं।
  • अभिप्रेरणा किसी कार्य का प्रारंभ एवं अंत होती है।
  • अभिप्रेरणा एक अंतरिक्ष शक्ति है जो व्यक्ति को कार्य करने के लिए प्रेरित करती है।
  • अभिप्रेरणा अंग्रेजी के MOTIVATION शब्द का हिन्दी रूपान्तरण है जिसका शाब्दिक अर्थ MOTION होता है। जिसका शाब्दिक अर्थ गति प्रदान करने से होता है। अर्थात् कार्य करने हेतु गति प्रदान करने की प्रक्रिया अभिप्रेरणा कहलाती है।

अभिप्रेरणा परिभाषाऐं

  1. क्रेच व क्रेचफील्ड – अभिप्रेरणा हमारे प्रश्न क्या, क्यो, कब, कैसे का जवाब देते हैं।
  2. गुड – किसी कार्य को प्रारंभ कर उसे जारी रख निश्चित उद्देश्य तक पहुंचाने की प्रक्रिया अभिप्रेरणा कहलाती है।
  3. स्कीनर – अभिप्रेरणा अधिगम का सर्वोच्च राजमार्ग है।
  4. लावेल – अभिप्रेरणा आवश्यकता पूर्ति हेतु उत्पन्न होने वाली प्रक्रिया है।
  5. एंविरल – अभिप्रेरणा व्यक्ति की कल्पना को मूर्त रूप प्रदान करने वाली प्रक्रिया है।
  6. वुडवर्थ – अभिप्रेरणा व्यक्ति की वह मनोदशा है, जो किसी निश्चित उद्देश्य की पूर्ति के लिए एक निश्चित व्यवहार करने के लिए प्रेरित करती है।  नोट :- अभिप्रेरणा को अधिगम का हृदय, राजपथ आत्मा भी कहा जाता है।

मनोविज्ञान के क्षेत्र में अभिप्रेरणा को प्रथम मनोवैज्ञानिक सिद्धांत माना गया। अभिप्रेरणा के इस भाग से व्यक्ति समाज में अपनी प्रतिष्ठा बनाये रखने हेतु कार्य करता है। इस कारण इसे सामाजिक अभिप्रेरणा के नाम से जाना जाता है। 

अभिप्रेरणा के प्रकार

  • बाह्य अभिप्रेरणा
  • आंतरिक अभिप्रेरणा

बाह्य अभिप्रेरणा- सामाजिक/नकारात्मक

  • अभिप्रेरणा के इस भाग में व्यक्ति को कार्य करने हेतु बाह्य शक्ति की आवश्यकता होती है।
  • इसमें किया गया कार्य कम श्रेष्ट होता है तथा व्यक्ति को आत्म संतुष्टि कम प्राप्त होती है।
  • प्रेरक तत्व – दण्ड, पुरुस्कार, निंदा, प्रतियोगिता, भय, अपमान, असफलता।

आंतरिक अभिप्रेरणा :- सकारात्मक/शारीरिक

  • अभिप्रेरणा के इस भाग में व्यक्ति अपनी शारीरिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने हेतु कार्य करता है। इस कारण इसे शारीरिक अभिप्रेरणा कहा जाता है।
  • अभिप्रेरणा के इस भाग में व्यक्ति को कार्य करने हेतु बाह्य शक्ति की आवश्यकता नहीं होती।
  • इसमें किया गया कार्य श्रेष्ट होता है तथा व्यक्ति को आत्म संतुष्टि बहुत अधिक प्राप्त होती है।
  • प्रेरक तत्व – भूख, प्यास, काम, नींद, मलमूत्र का त्यागना।

अभिप्रेरणा के सिद्धांत

  • सक्रियता का सिद्धांत – सोल्सबरी मेल्मो
  • X-Y थ्योरी सिद्धांत – डगलस मेकग्रेगर
  • प्रयास एवं त्रुटि सिद्धांत – थॉर्नडाइक
  • क्षेत्रवादी सिद्धांत – कुर्ट लेविन
  • अन्तदृष्टि/सिद्धांत – कोहलर
  • पदानुक्रमिक सिद्धांत – अब्राहम मेस्लो
  • मूलप्रवृत्ति सिद्धांत – मेक्डूगल
  • उपलब्धि अभिप्रेरणा सिद्धांत – डेविड सी मेक्लीलेण्ड 1961
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