सिवाणा दुर्ग | Siwana Durg Barmer

सिवाणा दुर्ग

  • गिरि दुर्ग, सहाय दुर्ग, कुमट दुर्ग।
  • निर्माण :- परमार शासक वीर नारायण पंवार द्वारा।
  • समय :- 954 ई. में (10वीं सदी)।
  • स्थान :- बाड़मेर जिले के सिवाना कस्बे में स्थित।

Siwana durg-barmer

  • राव मालदेव ने गिरि सुमेल युद्ध (1544 ई.) के बाद शेरशाह की सेना द्वारा पीछा किये जाने पर सिवाणा दुर्ग में पश्रय लिया था।
  • जोधपुर शासकों की संकटकाल में शरणस्थली के रूप में प्रसिद्ध दुर्ग।
  • ‘शेर-ए-राजस्थान’ नाम से विख्यात जयनारायण व्यास को राज्य के सिवाणा दुर्ग में बंदी बनाकर रखा गया।
  • भांडेलाव :- दुर्ग में अवस्थित प्रसिद्ध तालाब।

दुर्ग में 2 साके हुए

प्रथम साका :- 1308 ई. में अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय। उस समय दुर्ग का रक्षक सातलदेव सोनगरा था। अलाउद्दीन खिलजी ने सिवाणा दुर्ग का नाम खैराबाद रखा था।

द्वितीय साका :- अकबर ने मोटा राजा उदयसिंह के नेतृत्व में सिवाणा शासक वीरकल्ला रायमलोत पर आक्रमण किया। वीर कल्ला वीर गति को प्राप्त हुए तथा हाड़ी रानी ने सभी स्त्रियों के साथ जौहर किया।

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