राजस्थान के प्रमुख मुस्लिम संत

राजस्थान के प्रमुख मुस्लिम संत

ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती

  • जन्म :- संजरी (फारस)
  • अन्य नाम :- गरीब नवाज
  • गुरु :- हजरत शेख उस्मान हारुनी।
  • ख्वाजा साहब पृथ्वीराज चौहान तृतीय के काल में राजस्थान आये तथा अजमेर को कार्यस्थली बनाया।

चिश्ती ने राजस्थान में चिश्तियां सम्प्रदाय का प्रवर्तन किया। अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह है जहाँ प्रतिवर्ष रज्जब माह की 1 से 6 रज्जब तक उर्स का विशाल मेला भरता है। यह हिन्दू-मुस्लिम साम्प्रदायिक सद्‌भाव का सर्वोत्तम स्थल है।

अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह का निर्माण इल्तुतमिश ने करवाया था। ईश्वर प्रेम तथा मानव की सेवा उनके प्रमुख सिद्धान्त थे।

शेख हमीदुद्‌दीन नागौरी

  • चिश्ती परम्परा के संत।
  • कार्यक्षेत्र :- नागौर का सुवल गाँव।
  • नागौरी ने इल्तुतमिश द्वारा प्रदत्त ‘शेख-उल-इस्लाम’ के पद को अस्वीकार कर दिया।
  • नागौरी केवल कृषि से जीविका चलाते थे।
  • उपाधि :- सुल्तान-उल-तरीकीन’ (सन्यासियों के सुल्तान) यह उपाधि ख्वाजा मुइनुद्‌दीन चिश्ती द्वारा दी गई।
  • मृत्यु :- 1274 ई. में।
  • शेख हमीदुद्‌दीन नागौरी का उर्स :- नागौर में।

नरहड़ के पीर

 नरहड़ के पीर की दरगाह भावात्मक राष्ट्रीय एवं सामाजिक एकता का प्रतीक मानी जाती है।

पीर फखरुद्दीन

  • दोउदी बोहरा सम्प्रदाय के आराध्य पीर।
  • दरगाह :- गलियाकोट (डूंगरपुर)।
  • गलियाकोट (डूंगरपुर) दाउदी बोहरा सम्प्रदाय का प्रमुख धार्मिक स्थल है।
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