राजस्थान में दुर्ग स्थापत्य
- राजस्थान में महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश के पश्चात सर्वाधिक दुर्गों का निर्माण हुआ है।
- राजस्थान में दुर्गों के स्थापना का विकास का प्रथम आधार कालीबंगा की खुदाई में मिलता है।
- राजस्थान के 6 दुर्ग यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल :- 1. आमेर दुर्ग 2. गागरोण दुर्ग 3. कुम्भलगढ़ दुर्ग 4. जैसलमेर दुर्ग 5. रणथम्भौर दुर्ग 6. चित्ताैड़गढ़ दुर्ग।
ये दुर्ग जून 2013 में नोमपेन्ह (कम्बोडिया) में हुई वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी की बैठक में यूनेस्को साइट की सूची में शामिल किये गये।
दुर्गों की विशेषताएँ
1. सुदृढ़ प्राचीरें 2. अभेद्य बुर्जे 3. विशाल परकोटे 4. दुर्ग के चारों ओर गहरी खाई 5. दुर्ग के भीतर जलाशय 6. शस्त्रागार 7. मंदिर निर्माण 8. अन्न भण्डार की स्थापना 9. सुरंग प्रणाली 10. गुप्त प्रवेशद्वार।
कौटिल्य के अनुसार दुर्ग की श्रेणियाँ :- 04
- औदुक दुर्ग
- पर्वत दुर्ग
- धान्व दुर्ग
- वन दुर्ग
शुक्र नीति के अनुसार राज्य के अंग :- 07
- राजा
- अमात्य (मंत्री)
- सुहृत
- कोष
- राष्ट्र
- दुर्ग
- सेना
राज्य को मानव शरीर का अंग मानते हुए शुक्र नीति के अनुसार दुर्ग को शरीर के प्रमुख अंग ‘हाथ’ की संज्ञा दी है।
शुक्र नीति के अनुसार दुर्ग के प्रकार :- 09
- एरण दुर्ग :- वे दुर्ग, जिसके मार्ग खाई, कांटों व पत्थरों से दुर्गम हों। उदाहरण :- जालौर दुर्ग
- औदुक दुर्ग :- जल दुर्ग भी कहा जाता है। ऐसा दुर्ग जो विशाल जल राशि से घिरा हुआ हो। उदाहरण :- गागरोण दुर्ग।
- पारिख दुर्ग :- वह दुर्ग जिसके चारों तरफ बहुत बड़ी खाई हो। उदाहरण :- जूनागढ़ दुर्ग (बीकानेर)।
- पारिध दुर्ग :- ऐसा दुर्ग जिसके चारों तरफ ईंट, पत्थर तथा मिट्टी से बनी बड़ी-बड़ी दीवारों का विशाल परकोटा हो। उदाहरण :- चित्तौड़ दुर्ग, जैसलमेर दुर्ग।
- गिरि दुर्ग :- किसी उच्च गिरि या पर्वत पर अवस्थित दुर्ग। उदाहरण :- चित्तौड़ दुर्ग, मेहरानगढ़ दुर्ग (जोधपुर) आदि।
- धान्वन दुर्ग :- मरुभूमि (मरुस्थल) में बना दुर्ग। उदाहरण :- जैसलमेर का दुर्ग।
- वन दुर्ग :- सघन बीहड़ वनों में निर्मित दुर्ग। उदाहरण :- सिवाणा दुर्ग।
- सैन्य दुर्ग :- खंडों या ईटों से समतल भूमि पर निर्मित दुर्ग, जहाँ युद्ध की व्यूह रचना में चतुर सैनिक निवास करते हो। इस श्रेणी में लगभग सभी दुर्ग आते हैं।
- सहाय दुर्ग :- वह दुर्ग, जिसमें शूरवीर तथा सदा अनुकूल रहने वाले बांधव लोग रहते हो। उदाहरण :- जालौर दुर्ग, चित्तौड़ दुर्ग आदि।
- चित्तौड़ दुर्ग धान्वन श्रेणी के दुर्ग को छोड़कर सभी श्रेणी का दुर्ग है।
- भटनेर दुर्ग (हनुमानगढ़) तथा भरतपुर का लौहागढ़ दुर्ग मिट्टी से बने दुर्ग है।
राजस्थान के दुर्गों पर आक्रमण
दुर्ग | आक्रमणकारी | समय | तत्कालीन शासक |
भटनेर दुर्ग (हनुमानगढ़) | महमूद गजनवी | 1001 ई. | – |
तैमूर | 1398 ई. | – | |
अकबर | 1570 ई. | – | |
रणथम्भौर दुर्ग (सवाईमाधोपुर) | अलाउद्दीन खिलजी | 1301 ई. | राणा हम्मीर देव चौहान |
गागरोण दुर्ग (झालावाड़) | होशंग शाह (मांडू सुल्तान) | 1423 ई. | अचलदास खींची |
महमूद खिलजी | 1444 ई. | पाल्हणसी | |
चित्तौड़ दुर्ग | अलाउद्दीन खिलजी | 1303 ई. | रावल रत्नसिंह |
बहादुरशाह | 1534 ई. | विक्रमादित्य | |
अकबर | 1568 ई. | उदयसिंह | |
जैसलमेर दुर्ग | अलाउद्दीन खिलजी | 1294 ई. | रावल मूलराज |
फिरोज तुगलक | – | रावल दूदा | |
अमीर अली (कंधार) | 1550 ई. | लूणकरण | |
सुवर्णगिरि दुर्ग (जालौर) | अलाउद्दीन खिलजी | 1311-12 ई. | कान्हड़देव |
सिवाणा दुर्ग | अलाउद्दीन खिलजी | 1308 ई. | सातलदेव |
शेरगढ़ दुर्ग (धौलपुर) | बहलोल लोदी | 1500 ई. | – |