मेहरानगढ़ दुर्ग

  • निर्माता :- राव जोधा
  • समय :- मई 1459 में
  • नींव :- करणी माता द्वारा
  • चिड़ियाटूंक पहाड़ी पर निर्मित गिरि दुर्ग। (पचेटिया पहाड़ी पर निर्मित)।
  • आकृति :- मोर (म्यूर) के समान।
  • अन्य नाम :- म्यूरध्वज, गढ़चिन्तामणि (कुण्डली के अनुसार नामकरण)।
  • इस दुर्ग की नींव में राजिया (राजाराम) मेघवाल को जीवित चुना गया।

मेहरानगढ़ दुर्ग

Mehrangarh durg

मेहरानगढ़ दुर्ग के प्रवेश द्वार

  • जयपोल – उत्तर-पूर्व में। मानसिंह द्वारा 1808 में निर्मित।
  • फतेहपोल – दक्षिण-पश्चिम में। अजीतसिंह 1707 में निर्मित।
  • मामा-भान्जा (धन्ना और भींवा) की छतरी मेहरानगढ़ दुर्ग में लौहापोल द्वार के पास है। यह 10 खम्भों की छतरी है।
  • भूरे खाँ की मजार इसी दुर्ग में है।
  • अन्य प्रवेश द्वार :- ध्रुवपोल, सुरजपोल, इमरतपोल तथा भैरोंपोल

Mehrangarh durg

  • पुस्तक प्रकाश :- इस दुर्ग में महाराजा मानसिंह द्वारा स्थापित पुस्तकालय।
  • किले में तोपें :- किलकिला, शम्भुबाण, गजनी खाँ, कड़क, गजक, जमजमा, बिजली, बिच्छूबाण, नुसरत, गुब्बार, धूड़धाणीद, नागपली, मागवा, मीरक आदि।
  • किलकिला तोप :- राजा अजीतसिंह द्वारा अहमदाबाद में निर्मित
  • शम्भुबाण तोप :- राजा अभयसिंह ने सर बुलन्द खाँ से छीनी।
  • गजनी खाँ तोप :- 1607 में राजा गजसिंह ने जालौर विजय पर हासिल की।

इस दुर्ग में चामुण्डा माता, मुरली मनोहर तथा आनंदघन के प्राचीन मंदिर हैं। वीर कीरतसिंह सोढ़ा की छतरी इसी दुर्ग में है। दुर्ग के भीतर राठौड़ों की कुलदेवी नागणेची जी का मंदिर है।

शृंगार चौकी :- महाराजा तख्तसिंह द्वारा दौलतखाने के आँगन में निर्मित चौकी, जहाँ जोधपुर के राजाओं का राजतिलक होता था। प्रसिद्ध ब्रिटिश साहित्यकार रुडयार्ड किपलिंग ने इस दुर्ग के बारे में कहा कि ‘यह दुर्ग देवताओं, परियों एवं फरिश्तों द्वारा निर्मित हैं।

  • इस दुर्ग में सोने के बारीक काम वाला मोती महल एवं भिति चित्रों से सजा फूलमहल स्थित है। ‘फूलमहल’ का निर्माण महाराजा अभयसिंह ने करवाया था।
  • दुर्ग में राणीसर एवं पदमसर तालाब जल के मुख्य स्रोत है। राणीसर तालाब का निर्माण राव जोधा की रानी जसमा हाड़ी ने करवाया था।
  • यह दुर्ग वीर दुर्गादास की स्वामीभक्ति का साक्ष्य है।
  • दुर्ग में स्थित संग्रहालय में अकबर की तलवार रखी है।
  • राजस्थान का प्रथम दुर्ग जिसमें ‘ऑडियो गाइड टूर’ की सुविधा है।
Spread the love

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!