- जयपुर
- निर्माण :- 1734 ई. में सवाई जयसिंह द्वारा।
- उपनाम :- सुदर्शनगढ़, सुलक्षणगढ़
- आकार :- जयपुर के मुकुट के समान।
इस दुर्ग में महाराजा माधोसिंह द्वितीय ने अपनी 9 पासवानों हेतु एक जैसे 9 महल बनवाये।
महल :- सूरज प्रकाश, खुशहाल प्रकाश, जवाहर प्रकाश, ललित प्रकाश, आनन्द प्रकाश, लक्ष्मी प्रकाश, चाँद प्रकाश, फूल प्रकाश और बसन्त प्रकाश।
महाराजा जगतसिंह की प्रेमिका रसकपूर कुछ समय तक इसी किले में कैद करके रखी गयी थी। नामकरण :- नाहरसिंह भौमिया के नाम पर।