Nagaur Mandir GK
ब्रह्माणी माता का मंदिर
नागौर में प्राचीन ब्रह्माणी माता का मंदिर स्थित है। इसे बरमायां व योगिनी का मंदिर कहा जाता है।
दधिमति माता का मंदिर
गोठ मांगलोद में स्थित दाधीच ब्राह्मण समाज के लोगों की पूज्य देवी का मंदिर। यह मंदिर महामारू शैली में 7वीं से 9वीं शताब्दी पूर्वार्द्ध में निर्मित है। प्रतिहार कालीन मंदिरों में रामकथा के दृश्यों का अंकन केवल इसी मंदिर में हुआ है। यहाँ नवरात्रा में भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। इसे गोठ मांगलोद मंदिर भी कहते हैं।
चारभुजा मंदिर
मेड़ता स्थित मीराबाई का प्रसिद्ध मंदिर जिसका निर्माण मीराबाई के पितामह राव दूदा द्वारा करवाया गया। यहाँ श्रावणी एकादशी से पूर्णिमा तक झूलोत्सव मेला आयोजित किया जाता है। इस मंदिर को मीराबाई का मंदिर भी कहा जाता है।
गुसाई मंदिर
जुंजाला में स्थित यह मंदिर गुस्से वाले अवतार-गुसाईजी का पावन स्थल है। इस मंदिर के गर्भगृह में शिला पर अंकित पर चिह्न की आराध्य बिन्दु है। यह पदचिन्ह राजा बलि व वामनावतार की कथा कहता है। यहाँ मालदेव ने मालकोट का किला बनवाया था।
कैवाय माता का मंदिर
किणसरिया (परबतसर, नागौर) में पर्वत शिखर पर निर्मित प्राचीन मंदिर।
पाडा माता का मंदिर
डीडवाना झील के निकट स्थित मंदिर। इस मंदिर को सरकी माता के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
भंवाल माता का मंदिर
मेड़ता से 20 किमी. दूर भंवाल गाँव में स्थित। इस शक्ति पीठ में चामुण्डा एवं महिषमर्दिनी के स्वरूपों की पूजा की जाती है।
तेजाजी मंदिर
खरनाल (नागौर) में स्थित। यहाँ भाद्रपद माह में मेला भरता है।
जैन विश्व भारती
लाडनूं (नागौर) में स्थित यह स्थल जैन दर्शन के अध्ययन, जैन संस्कृति के प्रशिक्षण, अभिव्यक्ति एवं साधना का प्रमुख केन्द्र है। यह आचार्य श्री तुलसी की प्रेरणा से सन् 1970 में स्थापित किया गया। यह एक डीम्ड यूनिवर्सिटी है।