मीणा जनजाति राजस्थान | Meena Janjati

मीणा शब्द का अर्थ मत्स्य या मछली होता हैं। मीणा जनजाति की 51.20 प्रतिशत जनसंख्या राज्य के 5 जिलों जयपुर, करौली, दौसा, उदयपुर, सवाई माधोपुर में पाई जाती हैं।

मीणा जनजाति राजस्थान

राज्य में सर्वाधिक मीणा जनसंख्या जयपुर में निवास करती हैं। जनसंख्या के आधार पर राज्य की सबसे बड़ी एवं शिक्षित जनजाति

Meena Janjati

टोंक में जन्मे मीणा के धर्मगुरु जैन मुनि मगन सागर द्वारा लिखित मीणा पुराण में मीणाओं को ‘भगवान मीन’ का वंशज बताया है। इसमें मीणाओं के 5200 गौत्र का वर्णन है।

कच्छवाहा वंश के संस्थापक दुल्हेराय ने मीणा जाति के शासक को पराजित कर आमेर पर अधिकार स्थापित कर लिया। मीणा जनजाति में मछली का सेवन निषेध हैं।

मीणा जनजाति की उपजातियाँ

मीणा जनजाति में दो प्रमुख वर्ग है – (i) जमीदार मीणा व (ii) चौकीदार मीणा। जमीदार मीणा जयपुर के आस-पास के भागों में रहते हैं। जबकि चौकीदार मीणा उदयपुर, कोटा, बॅूंदी चितौड़गढ़ आदि जिलों में पाये जाते हैं।

मीणा जनजाति में अन्य सामाजिक वर्ग

आद मीणा, रावत मीणा, सुरतेवाल मीणा, ठेढ़िया मीणा, पड़िहार मीणा, भील मीणा, चौथिया मीणा

मीणा जाति का सामाजिक जीवन

  • मीणा जनजाति की सबसे बड़ी पंचायत :- चौरासी
  • पटेल :- पंचायत का मुखिया।
  • इस जनजाति में रक्त सम्बन्धों को अधिक महत्त्वपूर्ण माना जाता हैं।
  • इनमें गोद प्रथा पाई जाती हैं।
  • मीणा जनजाति के लोग ढाणी, गाँव और पाल में रहते हैं।
  • इनमें पितृवंशीय परम्परा तथा संयुक्त परिवार प्रथा पाई जाती हैं।
  • इस जनजाति में बाल विवाह का प्रचलन है।
  • नाता प्रथा:- मीणा जनजाति में महिला अपने जीवित पति को छोड़कर अन्य किसी पुरुष के साथ भाग जाए या रहने लगे तो इसे ‘नाता प्रथा’ कहते हैं।
  • छेड़ा फाड़ना :- तलाक की एक प्रथा।

मीणा जाति का धर्म

मीणा जाति का अर्थव्यवस्था

जमीदार मीणा कृषि व पशुपालन का कार्य करते हैं। चौकीदार मीणा चौकीदारी की जगह अन्य व्यवसाय में संलग्न है। मीणा जनजाति में बंटाईदारी की व्यवस्था प्रचलित हैं। इसमें छोटा बट्ट, हाड़ी बट्ट तथा हासिल बट्ट आदि शामिल हैं।

वर्तमान में मीणा जनजाति ने खेती के अलावा अन्य व्यवसायों को अधिक अपनाया हैं।

मीणा जनजाति के संबंध में अन्य तथ्य

  • मीणाओं का उल्लेख मत्स्य पुराण में मिलता हैं।
  • राजस्थान की जनजातियों में मीणा जनजाति सर्वाधिक संख्या में पायी जाती हैं।

कर्नल जेम्स टॉड ने मीणों का मूल स्थान काली खोह पर्वतमाला बतलाया है। यह पर्वतमाला अजमेर से आगरा तक फैली हुई हैं। मीणाओं में देवर ब‌ट्‌टा (देवर से) विवाह करने की प्रथा नहीं होती है।

  • गोटन :- मीणा जनजाति में मित्र/सहेलियों का समूह।
  • प्रसिद्ध लेखक हरबर्ट रिजले ने मीणा जनजाति का संबंध द्रविड़ जाति से बताया है।
  • मीणा लोग गोवर्धन पूजा के दिन शस्त्रों का प्रयोग नहीं करते हैं।
  • मुख्य नशा – हुक्कापान।
  • मेवासे :- आदिवासी मीणों के जंगलों में बने हुए घर।
  • ओबरी :- मीणाओं में प्रचलित अनाज रखने की कोठी।
  • बढालिया :- मीणा जनजाति में वैवाहिक संबंधों में मध्यस्थता करने वाला मामा – फूफा या अन्य व्यक्ति।
  • मीणा जनजाति में मोरनी मांडणा परम्परा का प्रचलन है।
  • नयावासी मीणा :- चौकीदार मीणा।
  • पुरानावासी मीणा :- काश्तकार मीणा।
  • ठेढ़िया मीणा :- जालौर क्षेत्र में निवास।
  • चौथया मीणा :- मारवाड़ क्षेत्र में निवास।

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