Dungarpur Mandir GK
देव सोमनाथ
डूंगरपुर से लगभग 24 किमी. दूर सोम नदी के तट पर स्थित इस तीन मंजिले शिव मंदिर का निर्माण सफेद पत्थरों से किया गया है। 12वीं सदी में निर्मित बिना सीमेंट, चूने और मिट्टी के प्रयोग से सिर्फ पत्थरों से बना यह मंदिर स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है।
बेणेश्वर (नवाटापरा)
डूंगरपुर से 41 किमी. दूर आसपुर तहसील में बेणेश्वर महादेव का मंदिर स्थित है जिसमें 5 फीट ऊंचा एवं ऊपर से पाँच स्थानों से खण्डित शिवलिंग स्थापित है। यह भारत का एकमात्र मंदिर है, जहाँ खण्डित शिवलिंग की पूजा होती है। यहाँ प्रतिवर्ष माघ शुक्ला एकादशी से माघ शुक्ला पूर्णिमा तक विशाल मेला भरता है। इस मेले को भीलों का कुंभ, आदिवासियों का कुंभ, वागड़ का पुष्कर आदि नामों से जाना जाता है। मावजी महाराज का संबंध इसी धाम से है।
गवरी बाई का मंदिर
‘बागड़ की मीरा‘ गवरी बाई का मंदिर महारावल शिवसिंह द्वारा निर्मित किया गया है।
विजयराज राजेश्वर मंदिर
गैप सागर के तट पर स्थित परेवा प्रस्तर से निर्मित इस मंदिर का निर्माण महारावल उदयसिंह द्वितीय की महारानी उम्मेद कंवर ने 1882 में करवाया।
विजया माता मंदिर
विंध्यवासिनी देवी का मंदिर जो आरोग्यदाता धाम के रूप में प्रसिद्ध है। प्रत्येक रविवार को यहाँ मेला लगता है।
हरिमंदिर
डूंगरपुर से 60 किमी. दूर उदयपुर-बाँसवाड़ा मुख्य मार्ग पर साबला में स्थित मावजी महाराज की जन्मस्थली के रूप में प्रसिद्ध इस मंदिर में भगवान निष्कलंक की मूर्ति है। यहाँ मावजी रचित ग्रन्थ ‘चोपड़ा‘ रखा है।
संत मावजी का मंदिर
डूंगरपुर से लगभग 55 किमी. दूर साबला ग्राम में स्थित चतुर्भुज विष्णु के कलयुगी अवतार औदिच्य ब्राह्मण मावजी महादेव का मंदिर दर्शनीय है। संत मावजी को विष्णु का कल्कि अवतार माना जाता है। ध्यातव्य है कि संत मावजी के अन्य मंदिर सैंसपुर (मेवाड़), पारोदा गाँव (बाँसवाड़ा) एवं पूंजपुर में है।
शिव मंदिर
गैप सागर तट पर स्थित शिव ज्ञानेश्वर शिवालय 300 वर्ष पुरानी उत्कृष्ट कला का अप्रतिम उदाहरण है। इसका निर्माण राजमाता ज्ञान कुंवर की स्मृति में महारावल शिव सिंह ने ई. 1730 से 1785 के मध्य करवाया।
वसुंधरा (वसूंदरा)
डूँगरपुर के वसूंदरा गाँव में स्थित प्राचीन मंदिर।
बोरेश्वर महादेव मंदिर
सोलज गाँव (डूँगरपुर) में सोम नदी के किनारे स्थित मंदिर।
डूँगरपुर के अन्य मंदिरों में हरि मंदिर, मुरलीमनोहर मंदिर, फुलेश्वर महादेव मंदिर, राधेबिहारी मंदिर एवं महालक्ष्मी मंदिर प्रमुख हैं।