बांसवाड़ा के मंदिर | Banswara Mandir GK

Banswara Mandir GK

तलवाड़ा के प्राचीन मंदिर

बाँसवाड़ा से लगभग 15 किमी. दूर स्थित 11वीं शताब्दी के आसपास निर्मित इन मंदिरों में प्रमुख मंदिर सूर्य लक्ष्मीनारायण का मंदिर है। सूर्य की मूर्ति एक कोने में रखी हुई है। और बाहर के चबूतरे पर सूर्य के रथ का एक चक्र टूटा पड़ा है। यहाँ के सोमपुरा जाति के मूर्तिकार प्रसिद्ध है।

छींछ का ब्रह्माजी मंदिर

छींछ ग्राम 12वीं सदी में सिसोदिया वंश के महारावल जगमाल द्वारा निर्मित ब्रह्माजी के मंदिर की मूर्ति 6 फीट ऊँची व चार मुखों वाली स्थापित है। मंदिर के बाहर संगमरमर के 6 पत्थरों पर नवग्रहों की मूर्तियाँ खुदी गयी है। इस मंदिर का जीर्णोद्धार 1495 ई. में देवदत्त ने करवाया।

घोटिया अम्बा मंदिर

बागीदोरा (बाँसवाड़ा) में स्थित मंदिर। यहाँ प्रतिवर्ष चैत्र अमावस्या को मेला भरता है। महाभारत काल में पाण्डवों ने वनवास के समय अपना कुछ समय घोटिया अम्बा नामक स्थल पर व्यतीत किया।

कालिंजरा मंदिर

बाँसवाड़ा में हारन नदी के किनारे निर्मित ऋषभदेव जी का प्रसिद्ध जैन मंदिर

त्रिपुरा सुंदरी मंदिर

तलवाड़ा (बाँसवाड़ा) में स्थित मंदिर। त्रिपुरा सुंदरी पाँचाल जाति की कुलदेवी है। इस मंदिर में देवी के पीठिका के मध्य में ‘श्रीयंत्र’ अंकित है। त्रिपुरा सुंदरी माता को तुरताय माता भी कहा जाता है।

अर्थूना के मंदिर

प्राचीन समय में बागड़ के परमारों की राजधानी रहा अर्थूना में मंडलेश्वर महादेव मंदिर, हनुमानगढ़ी मंदिर, कुम्भेश्वर मंदिर, सोमनाथ मंदिर, कनफटा साधु का मंदिर एवं कोरणी माता का मंदिर प्रमुख हैं। अर्थूना में जैन मंदिर भी निर्मित है।

Spread the love

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!