राजस्थान के प्रमुख साहित्य, कला एवं संगीत संस्थान

कला एवं संगीत संस्थान

राजस्थान संगीत नाटक अकादमी

  • जोधपुर में अवस्थित
  • स्थापना :- 6 जुलाई, 1957 को।
  • उद्देश्य :- राज्य में सांगीतिक, नृत्य एवं नाट्य विद्याओं के प्रचार-प्रसार, संरक्षण एवं उन्नयन करने तथा उनके माध्यम से राष्ट्र की सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देना। यह एक स्वायत्तशासी संस्था है।

कार्य

राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत संबंधित संस्थाओं के मध्य समन्वय स्थापित करना।

भारतीय नृत्य, नाटक एवं संगीत के क्षेत्र में अनुसंधान को प्राेत्साहित करना एवं साहित्य सृजन एवं प्रसार में सहायता करना।

राजस्थान में रंगमंचों की स्थापना एवं विकास को प्रोत्साहित करना। नृत्य, नाटक एवं संगीत की शिक्षा का विकास करना।

नृत्य, नाटक एवं संगीत के क्षेत्र में संस्था द्वारा एक आदर्श अनुसंधान व अध्ययन केन्द्र की स्थापना करना। नृत्य, नाटक एवं संगीत के क्षेत्र में कार्यरत श्रेष्ठ संस्थाओं को सहायता प्रदान करना।

राजस्थान ललित कला अकादमी

जयपुर में 24 नवम्बर, 1957 को स्थापित अकादमी।

कार्य

राज्य में कला के प्रचार-प्रसार एवं कलाकारों के स्तर को ऊँचा उठाना एवं युवा रंगकर्मियों को प्रोत्साहित करना।

यह कलात्मक गतिविधियों का संचालन, कला प्रदर्शनियों का आयोजन और लब्ध प्रतिष्ठित कलाकारों का सम्मान एवं फैलोशिप प्रदान करता है।

राजस्थान संगीत संस्थान

राज्य में संगीत शिक्षा की समृद्धि के लिये राजस्थान संगीत संस्थान की स्थापना 1950 ई. में जयपुर में की गई। इस संस्थान के प्रथम निदेशक श्री ब्रह्मानंद गोस्वामी बनाये गये। सन् 1980 में इस संस्थान को कॉलेज शिक्षा निदेशालय को सौंप दिया गया।

भारतीय लोक कला मंडल

‘पद्‌मश्री’ देवीलाल सामर द्वारा 1952 ई. में उदयपुर में स्थापित विशिष्ट सांस्कृतिक संस्थान। इस संस्थान की स्थापना का उद्देश्य प्रदर्शनोपयोगी पारम्परिक लोक कलाओं एवं कठपुतलियों का शोध, सर्वेक्षण, प्रशिक्षण तथा लोक कलाओं एवं कठपुतलियों का शोध, सर्वेक्षण, प्रशिक्षण तथा लोक कलाओं का प्रचार-प्रसार करना था।

इस संस्थान में अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोक संस्कृति संग्रहालय है। इस संस्थान में ‘कठपुतली’ को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

रवीन्द्र मंच

नृत्य नाटक व संगीत कला के उत्थान हेतु 15 मार्च, 1963 को रामनिवास बाग (जयपुर) में स्थापित सोसाइटी केन्द्र।

जयपुर कत्थक केन्द्र

जयपुर कत्थक घराने की प्राचीन एवं शास्त्रीय शैली को पुनर्जीवित कर उसके समुन्नयन हेतु राज्य सरकार द्वारा 1978 ई. में स्थापित केन्द्र। वर्तमान में यह संस्थान कत्थक नृत्य का प्रशिक्षण एवं नृत्य शिक्षा देने का कार्य कर रहा है।

जवाहर कला केन्द्र

राज्य की पारम्परिक एवं विलुप्त होती जा रही कलाओं की खोज, उनका संरक्षण एवं संवर्द्धन करने तथा कलाओं को जनाश्रयी बनाकर उनका समन्वित विकास करने के लिए अप्रैल 1993 ई. में स्थापित केन्द्र। इसके भवन के वास्तुविद ‘श्री चार्ल्स कोरिया’ थे। इस केन्द्र में नौ सभागार खण्ड हैं जिसमें मुक्ताकाशी मंच भी शामिल है। इसके केन्द्र परिसर में एक शिल्पग्राम भी है जिसमें ग्रामीण शैली की झौंपड़ियाँ भी बनायी गई हैं। केन्द्र में चाक्षुष कलाओं, संगीत एवं नृत्य थियेटर एवं प्रलेखन से संबंधित चार विभाग हैं।

रुपायन संस्थान

जोधपुर जिले के बोरुन्दा गाँव में सन् 1960 में स्थापित संस्था। यह राज्य क लोक कलाओं, लोक संगीत एवं वाद्यों के संरक्षण, लुप्त हो रही कलाओं की खोज व उन्नयन एवं लोक कलाकारों को प्रोत्साहित कर उनके विकास हेतु स्व. कोमल कोठारी एवं विजयदान देथा द्वारा समर्पित सांस्कृतिक व शैक्षणिक संस्थान है। वर्तमान में इस संस्थान का मुख्यालय जोधपुर में है। इसे राज्य एवं केन्द्रीय सरकार से विभिन्न मदों से अनुदान प्राप्त होता है।

पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र

देश की लुप्त हो रही कलाओं के पुनरुत्थान करने, कलाकारों को उपयुक्त मंच उपलब्ध कराकर उनकी कला को समुन्नत करने एवं प्रचार-प्रसार हेतु भारत सरकार द्वारा स्थापित 7 क्षेत्रीय केन्द्रों में से एक। इसकी स्थापना सन् 1986 में की गयी एवं इसका कार्यक्षेत्र गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात एवं राजस्थान हैं। हस्तशिल्पियों के विकास हेतु उदयपुर के निकट शिल्पग्राम भी स्थापित किया गया है।

राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट एंड क्राफ्टस

जयपुर में 1876 ई. में महाराजा सवाई रामसिंह द्वारा ‘मदरसा-ए-हुनरी’ के नाम से स्थापित।

गुरुनानक संस्थान

जयपुर में अवस्थित संस्थान।

राजस्थान विश्वविद्यालय में नाट्य विभाग की स्थापना 1977 ई. में की गई।

जिलाप्रेक्षागृहरंग संस्थाएँ
जयपुररवीन्द्र मंच1. श्रुति मण्डल
जवाहर कला केन्द्रनुपूर
महाराष्ट्र मंडलवीणापणि कला मंदिर
रंगमंचसुर सरगम
एकजुट
त्रिमूर्ति
कलाश्री
भीलवाड़ा रसधारा
सुरशृंगार
अंकुर
स्वरसुधा मंदिर सोसाइटी
अजमेरसावित्री महाविद्यालय सभागारआधुनिक नाट्य कला परिषद
मगरा लोक कला मंडल
एकलव्य नाट्य संस्थान (ब्यावर)
नीलकमल
कला संगम
जवाजा
गोविन्द राव राजुलकर संगीत संस्थान
बीकानेर संकल्प
अर्पण आर्ट सोसाइटी
कला संगम सेवा संस्थान
मरुधरा थियेटर सोसाइटी
रंगायन
नेशनल थियेटर
कोटाश्रीराम रंगमंचसप्त शृंगार
श्रीराम कला मंदिररंग सप्तक कला मंदिर
प्रज्ञा लोक संगीत नाट्य मंडल
सदाबहार संगीत नाट्य संस्था
नेहरु युवा मंडल
अलवरहैप्पी स्कूल सभागारस्वरांजलि
कला भारती
पलाश
बाड़मेर रंगधारा आर्ट संस्थान
मरुधरा लोक कला संस्थान
मंथन आर्ट थियेटर
भरतपुर कला मंदिर संस्था
तरुण समाज
कदम संस्थान (कामां)
राष्ट्रीय लोक परिषद (बयाना)
बाँसवाड़ा अभिनव शिक्षा समिति
पाली मरुधरा लोक कला मण्डल
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