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राजस्थान में परिवहन के साधन
भारत में परिवहन को देश के आर्थिक विकास के लिए आवश्यक अंग माना जाता है। परिवहन देश में व्यापारिक गतिविधियों की धमनी माना जाता है।
राजस्थान में परिवहन के तीन प्रकार
- सड़क परिवहन
- रेल परिवहन
- वायु परिवहन
सड़क परिवहन
- राजस्थान में परिवहन का प्रमुख माध्यम सड़क है।
- राजस्थान में सर्वप्रथम राजकीय बस सेवा 1952 में टोंक में प्रारम्भ की गई।
राजस्थान में सड़कों की स्थिति
- सड़कों की लम्बाई :- 2,36,572.27 किमी. (मार्च 2018 तक) (1949 में – 13,553 Km.)
- सड़क घनत्व :- 69.12 किमी. (प्रति 100 वर्ग किमी.) (1949 में – 3.96 Km. (प्रति 100 Km2))
- राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग की लम्बाई :- 9079.10 किमी.
- राजस्थान में राज्य राजमार्ग की लम्बाई :- 15543.60 किमी.
- राजस्थान में मुख्य जिला सड़कें :- 8802.20 किमी.
- राजस्थान में अन्य जिला सड़कें :- 32175.41 किमी.
- राजस्थान में ग्रामीण सड़कें :- 1,70,971.96 किमी.
- राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग :- 39
- राजस्थान में उच्च मार्गों की संख्या :- 170
- राजस्थान का सबसे बड़ा NH :- NH-15 (893.5 किमी.) (नया नं. :- HN-68)
- राजस्थान का सबसे छोटा NH :- NH-919 (4.7 किमी.) (पुराना नाम :- NH-71B)
वह राष्ट्रीय राजमार्ग जो एक जिले से प्रारम्भ होकर उसी में समाप्त होता है
क्रम संख्या | पुराना नंबर | नया नंबर | जिलों के नाम |
1. | 79A | 448 | अजमेर में (किशनगढ़ से नसीराबाद) |
2. | 11C | 248 | जयपुर में (चन्दवाजी से जयपुर शहर) |
3. | 76A | 58 विस्तार | उदयपुर में (उदयपुर – झाड़ोल – ईडर) |
rajasthan parivahan
- राजस्थान का सबसे व्यस्ततम राष्ट्रीय राजमार्ग :- NH 8 (नया नंबर 48, 58)
- राष्ट्रीय राजमार्गों की सर्वाधिक संख्या वाला जिला :- पाली (7)
- सर्वाधिक जिलों से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग :- NH-11 (7 जिले)
- NH-76 (नया नंबर 27)
- राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्गों की सर्वाधिक लम्बाई वाला जिला :- उदयपुर
- राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्गों की न्यूनतम लम्बाई वाला जिला :- करौली।
- सड़कों से जुड़े सर्वाधिक गाँव वाला जिला :- उदयपुर।
- सड़कों से जुड़े न्यूनतम गाँव वाला जिला :- सिरोही।
- सड़कों का सर्वाधिक घनत्व :- राजसमन्द।
- सड़कों का न्यूनतम घनत्व :- जैसलमेर।
- अरावली के पश्चिमी क्षेत्र में सड़कों की लम्बाई अधिक है जबकि इसके पूर्वी क्षेत्र में इनकी लम्बाई कम है।
राजस्थान से गुजरने वाले मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग
क्र.सं. | राष्ट्रीय उच्च मार्ग संख्या | राष्ट्रीय उच्च मार्ग नव आवंटित संख्या | मार्ग का नाम | मार्ग में आने वाले जिले | सड़क की लम्बाई(किमी.) |
1. | 3 | 44 | आगरा-धौलपुर-मुम्बई | धौलपुर। | 28.29 |
2. | 3ए | 123 | ऊंचा नगला-खानुआ-रूपवास-धौलपुर | भरतपुर, धौलपुर | 63.20 |
3. | 8 | 48, 58 | दिल्ली-जयपुर-अजमेर-उदयपुर-अहमदाबाद | जयपुर, अलवर, अजमेर, राजसमंद, उदयपुर, डूंगरपुर | 704.85 |
4. | 11 | 21, 52, 11 | आगरा-भरतपुर, दौसा-जयपुर-सीकर-बीकानेर | भरतपुर, करौली, दौसा, जयपुर, सीकर, चूरू, बीकानेर | 561.54 |
5. | 11ए | 148 | दौसा-मनोहरपुर वाया गठवाड़ी | दौसा, जयपुर | 62.25 |
6. | 11ए-वि | 148, 23 | दौसा-लालसोट-कैथुन | दौसा, टोंक | 80.00 |
7. | 11बी | 23 | लालसोट-गंगापुर-करौली-धौलपुर | दौसा, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर | 192.00 |
8. | 11सी | – | चन्दवाजी-जयपुर | जयपुर | 28.00 |
9. | 12 | 52 | जयपुर-टोंक-बूँदी-कोटा-झालावाड़-इकलेरा-जबलपुर | जयपुर, टोंक, भीलवाड़ा, बूँदी, कोटा, झालावाड़ | 419.60 |
10. | 14 | 162, 62 | ब्यावर-पाली-सिरोही-आबूरोड-कांडला | अजमेर, पाली, सिरोही | 265.70 |
11. | 15 | – | पठानकोट-गंगानगर-बीकानेर-जैसलमेर-बाड़मेर | गंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, जालौर, जोधपुर | 893.50 |
12. | 32ए | 709-विस्तार | हरियाणा सीमा-पिलानी-राजगढ़ | झुंझुनूं, चूरू | 59.00 |
13. | 65 | 52, 58, 62 | अम्बाला-पाली-चूरू-फतेहपुर-नागौर-जोधपुर-पाली | सीकर, चूरू, नागौर, जोधपुर, पाली | 490.54 |
14. | 65ए | 458 | लाडनूं (एनएच-65) खाटू-डेगाना-मेड़तासिटी, लाम्बिया-जैतारण-रायपुर-भीम | नागौर, पाली, राजसमंद | 250.00 |
15. | 71बी | 919 | रेवाड़ी-दारूहेडा | अलवर | 4.70 |
16. | 76 | 27 | पिण्डवाड़ा-उदयपुर-चित्तौड़गढ़-कोटा-शिवपुरी | सिरोही, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, बूँदी, कोटा, बारां | 639.92 |
17. | 79 | 48 | अजमेर-नसीराबाद-चित्तौड़गढ़-नीमच | अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ | 223.10 |
18. | 79ए | 448 | किशनगढ़-नीसराबाद | अजमेर | 38.00 |
19. | 89 | 58, 62 | अजमेर-नागौर-बीकानेर | अजमेर, नागौर, बीकानेर | 278.00 |
20. | 90 | 752 | बारां-इकलेरा | बारां, झालावाड़ | 93.50 |
21. | 112 | 25 | बर-बिलाड़ा-जोधपुर-बालोतरा-बाड़मेर | बाड़मेर, जोधपुर, पाली | 318.81 |
22. | 113 | 56 | निम्बाहेड़ा-प्रतापगढ़-बांसवाड़ा-जलहोड़ा-दाहौद | चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा | 244.00 |
23. | 114 | 125 | जोधपुर-पोकरण | जोधपुर, जैसलमेर | 176.50 |
24. | 116 | 552 | टोंक-सवाई माधोपुर-पाली घाट | सवाई माधोपुर-टोंक | 110.70 |
25. | 76ए | 58-विस्तार | उदयपुर-झाड़ोल-ईडर | उदयपुर | 87.00 |
26. | 76बी | 758 | लाड़पुरा-भीलवाड़ा-राजसमन्द | भीलवाड़ा, राजसमंद | 155.00 |
27. | 94ए | 927-ए | मध्यप्रदेश बोर्डर-बांसवाड़ा-सागवाड़ा- डूंगरपुर-खैरवाड़ा-कोटड़ा-स्वरूपगंज | बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर, सिरोही | 313.00 |
28. | 116ए | 148-डी | भीम-गुलबापुरा-जहाजपुर-हिण्डोली-उनियारा | भीलवाड़ा, बून्दी, टोंक | 279.30 |
29. | 162ए | 162-ए | मावली-खण्डेला वाया फतेहपुर, रेलमगरा | उदयपुर, राजसमंद | 50.70 |
30. | 186ए | 158 | मेड़ता-लाम्बिया-रास-ब्यावर-बदनौर-आसीन्द-मांडल | अजमेर, पाली, भीलवाड़ा | 139.80 |
31. | 192ए | 162-विस्तार | पाली-मारवाड़-नाडोल-देसुरी- कुम्भलगढ़-नाथद्वारा-मावली-भटेवर | उदयपुर, राजसमंद, पाली | 235.00 |
32. | – | 248-ए | शाहपुरा-अलवर-रामगढ़-नूह-गुड़गांव | जयपुर, अलवर | 135.80 |
33. | – | 325 | पचपदरा-बालोतरा-सिवाना-जालौर-आहौर | बाड़मेर-जालौर, पाली | 159.00 |
34. | – | 11 | फतेहपुर-झुंझुनूं-अचआवा-सिंघाना-नारनौल | सीकर, झुंझुनूं | 125.00 |
35. | – | 54 | पठानकोठ-गुरदासपुर-अमृतसर-भटिण्डा | हनुमानगढ़ | 75.00 |
36. | – | 25-विस्तार | बाड़मेर-रामसर-मुनाबाव | बाड़मेर | 127.00 |
37. | – | 168 | थाराड़-धनाना-पंथवाड़ा-रेवदर-अन्दारा सिरोही | 77.00 | |
38. | – | 168-ए | सांचौर-धानेरा-दीसा | जालौर | 11.80 |
39. | – | 148बी | कोटपूतली –नारनोल भीवाडी हरियाणा सीमा | अलवर | 5.00 |
महायोग | 8202.20 |
- जयपुर-गुरूग्राम राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-8 का छः लेन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। जिसकी लागत 1,897 करोड़ व लम्बाई 225 किमी. है।
- जयपुर-देवली-कोटा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-12 का चार लेन का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।
- राष्ट्रीय राजमार्ग़ों को दो, चार एवं छः लेन में विकसित करने की 10 परियोजनाएं जिनकी लागत 7789 करोड़ व लम्बाई 888 किमी. है वर्ष 2016 में स्वीकृत की गई है।
राजस्थान में सड़क निर्माण की संस्थाएं
क्र. | संस्था | स्थापना | उद्देश्य |
1. | राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम लिमिटेड (RSRDCC) | 2001 में | आधुनिक पुलों, सड़कों तथा भवनों के निर्माण को अतिशीघ्रता से तथा योजनाबद्ध तरीके से पूर्ण करना। |
2. | राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड | कृषि उपज मण्डी को सीधे गाँवों से जोड़ने के लिए सड़कों का निर्माण। सड़कों की मरम्मत तथा निर्माण में भूमिका निभाना। | |
3. | सीमा सड़क संगठन (BRO) | मई, 1960 | उत्तर और उत्तर-पूर्वी सीमावर्ती इलाकों में सड़कों का विकास करना। वर्तमान में यह अंतर्राष्ट्रीय सीमावर्ती जिलों में सड़क निर्माण का कार्य करता है। |
4. | राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC) | अक्टूबर, 1964 | यह राज्य में यात्री सुविधाएँ उपलब्ध कराता है। इसका मुख्यालय जयपुर में है। |
5. | राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) | 12 जुलाई, 1982 | कृषि तथा ग्रामीण क्षेत्र का विकास करना। |
6. | भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) | 1995 में | यह केंद्रीय सरकार का संगठन है तथा राष्ट्रीय उच्च मार्ग व एक्सप्रेस मार्गों का निर्माण व रखरखाव का कार्य करता है। |
7. | राजस्थान आधारभूत पथ विकास कम्पनी (RIDCOR) | अक्टूबर, 2004 | राजस्थान सरकार तथा इंफ्रास्ट्रक्चर लिजिंग एण्ड फाइनेंशियल सर्विस (ILFS) की 50:50 की भागीदारी से बनी कम्पनी, जो राजस्थान के “मेगा हाइवे परियोजना’ का संचालन करती है।रिडकोर के अध्यक्ष राजस्थान के मुख्य सचिव हैं। |
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC)
- राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC) की स्थापना 1 अक्टूबर 1964 को सड़क परिवहन निगम अधिनियम, 1950 के अधीन की गई थी।
- वर्तमान में, राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC) द्वारा कुल 4,607 स्वयं की एवं संविदा पर ली गई निजी बसों का संचालन किय जा रहा है।
राजस्थान ग्रामीण परिवहन सेवा
- इस योजना के अन्तर्गत 18 जिलों के 1,434 ग्राम पंचायतों में 64 क्लस्टर्स पर 370 वाहन सार्वजनिक निजी सहभागिता(पी.पी.पी.) मोड द्वारा परस्पर संबद्ध हैं।
- इसके अतिरिक्त, निगम की 45 मिडी बसों का संचालन कर 352 ग्राम पंचायतों को ग्रामीण परिवहन सेवा से जोड़ा गया है।
- वर्तमान में 5,375 ग्राम पंचायतें निगम की नियमित सेवा के माध्यम से जुड़ी हुई हैं।
राजस्थान लोक परिवहन सेवा
- राज्य में आमजन को सुलभ, सुगम, सस्ती एवं सुरक्षित यातायात सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लोक परिवहन सेवा को 476 राष्ट्रीकृत मार्गों को अधिसूचित कर अराष्ट्रीयकरण करते हुए निजी बस ऑपरेटरों को इन मार्गों पर संचालन की अनुमति दी गई है।
- इस क्रम में ‘राजस्थान लोक परिवहन सेवा’ का शुभारम्भ दिनांक 13 नवम्बर, 2015 को मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे द्वारा किया गया है।
निर्भया बस
- महिलाओं को सुरक्षित परिवहन उपलब्ध कराने के लिए केन्द्रीय सड़क विकास मंत्री श्री नितिन गड़करी ने राजस्थान राज्य परिवहन निगम की ‘निर्भया बस’ की 25 मई, 2016 को शुरूआत की।
- इन बसों में CCTV कैमरे तथा आपातकालीन अलार्म भी लगाए गए है। यह महिलाओं की सुरक्षा के संदर्भ में सशक्त प्रयास है।
मोटर वाहन पंजीयन के लिए निम्न प्रकार के नवाचार किये जा रहे हैं
- वाहन पंजीयन प्रमाण-पत्र एवं ड्राइविंग लाइसेन्स के लिए स्मार्ट कार्ड जारी किये जा रहे हैं।
- लाइसेन्स आवेदन हेतु ऑनलाइन लाइसेन्स पोर्टल योजना प्रारंभ की गई है।
- तीन जिला परिवहन कार्यालयों में वेब आधारित वाहन पंजीयन सॉफ्टवेयर प्रारम्भ किया गए है।
- सारथी -: चालको एवं परिचालको को लाइसेंस के कम्प्यूटराईजेशन के लिए विकसित साॅफ्टवेयर।
राजस्थान में सड़क विकास हेतु विभिन्न परियोजनाएँ
- सड़कों के विकास, संचालन, सुरक्षा एवं राजमार्गो तथा सलंग्न भूमियों के नियमन हेतु राजस्थान राज्यमार्ग अधिनियम 2014, 8 मई, 2015 से लागू किया गया।
- राजस्थान स्टेट हाईवेज ऑथोरिटी (SHAR) :- का गठन दिनांक 2 जून, 2015 को किया गया।
- मलेशिया सरकार द्वारा रिसर्जेन्ट राजस्थान के दौरान दिनांक 19 नवम्बर, 2015 को राजमार्गें के विकास हेतु मलेशियन कम्पनियों के माध्यम से 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश का करार हुआ है। उक्त निवेश से लगभग 4000 किमी. लम्बाई की सड़कों का विकास किया जाना प्रस्तावित है।
ग्रामीण गौरव पथ योजना
- वर्ष 2014-15 में ‘ग्रामीण गौरव पथ योजना’ प्रारंभ की गई है।
- इस योजना के तहत आगामी तीन वर्षों में प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर 0.5 से 2 किमी. की सड़क ‘ग्रामीण गौरव पथ’ के रूप में मय नाली निर्माण विकसित किया जाना है।
- प्रथम चरण में 2154 पंचायत मुख्यालयों का चयन कर 2119 किमी. लम्बाई के ‘ग्रामीण गौरव पथ’ का निर्माण किया जा रहा है।
राजस्थान सड़क क्षेत्र आधुनिकीकरण परियोजना (RRSMP)
- वर्ष 2013-14 में विश्व बैंक वित्तपोषित यह नवीन परियोजना प्रारम्भ की गई थी।
- इसके अन्तर्गत 2001 की जनगणना के अनुसार सामान्य क्षेत्र में 250 से 499 आबादी के सभी राजस्व गाँवों को सड़कों से जोड़ा जाना है।
- इस परियोजना की अनुमानित लागत 1362 करोड़ रुपये है।
- 2 जनवरी, 2014 को परियोजना का अनुबंध किया गया है।
जन-निजी सहभागिता (पीपीपी) पद्धति से सड़कों के विकास की नीति
- भारत सरकार द्वारा ऐसे राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्यमार्गों एवं मुख्य सड़कों जिन पर कि तुलनात्मक रूप से यातायात का दबाव कम है, के विकास हेतु जन-निजी सहभागिता (PPP) कार्यक्रम के अन्तर्गत नई नीति प्रतिपादित की गई है।
- इस नीति के अनुसार परियोजना की कुल लागत की अधिकतम 20 प्रतिशत तक की राशि भारत सरकार द्वारा वीजीएफ (बाईबिलिटी गेप फण्ड) के रूप में वहन की जायेगी तथा लागत के अधिकतम 20 प्रतिशत तक की राशि राज्य सरकार द्वारा आपरेशन मेंटीनेन्स सहायता O & M Support के रूप में दी जा सकेगी।
- राष्ट्रीय राजमार्गों के मामलों में 40 प्रतिशत तक की राशि भारत सरकार द्वारा वहन की जायेगी।
- पीपीपी आधार पर राज्य मार्गों पर विकास :- 20 हजार किमी. लम्बाई के राज्य राज मार्गों का विकास पीपीपी आधार पर किये जाने की योजना के तहत प्रथम चरण में 8910 किमी. लम्बाई के 132 मार्गों के चयन कर रिपोर्ट तैयार कर ली गई है।
- अधिकांश सड़कों का विकास पीपीपी-एन्यूटी पद्धति पर किया जायेगा।
- इस हेतु 50 प्रतिशत राशि का प्रबन्ध राज्य सरकार द्वारा विश्व बैंक, एशियन विकास बैंक से किया जायेगा।
दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक गलियारा
- दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक गलियारा 90 बिलियन यूएस डॉलर की एक महत्वाकांक्षी मेगा ढाँचागत परियोजना (Mega Infrastructure Project) है जो जापान की वित्तीय व तकनीकी सहायता से क्रियान्वित की जा रही है।
- इसके तहत् भारत की राजनीतिक राजधानी दिल्ली व व्यावसायिक राजधानी मुम्बई के मध्य 1483 किमी. लम्बा कॉरिडोर बनाया जा रहा है।
- यह कॉरिडोर मुम्बई के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट को दादरी (उत्तर प्रदेश) से जोड़ता है।
- इसकी कुल लम्बाई का 39 प्रतिशत राजस्थान से तथा 38 प्रतिशत भाग गुजरात से गुजरेगा।
- राजस्थान में दिल्ली-मुम्बई इण्डस्ट्रीयल कॉरिडॉर परियोजना को आवश्यक गति प्रदान करने व औद्योगिकीकरण एवं बुनियादी ढाँचा अपग्रेड करने के लिए फरवरी, 2014 में राज्य सरकार द्वारा पृथक से डी.एम.आई.सी. विभाग स्थापित किया गया।
- राजस्थान में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडॉर (DMIC) की कुल लम्बाई 576 किमी. है। यह हिस्सा राजस्थान के 7 जिलों–अलवर, सीकर, नागौर, जयपुर, अजमेर, पाली व सिरोही से होकर गुजरेगा।
- डीएमआईसी कॉरिडोर के विकास की परिधि में 22 जिले सम्मिलित हैं। इस क्षेत्र में 5 नोड्स विकसित किए जाएँगे जिनमें 2 इन्वेस्टमेंट रीजन व तीन औद्योगिक क्षेत्र हैं।
- प्रथम चरण में खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना इन्वेस्टमेंट रीजन व जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र का विकास किया जाएगा।
- योजना के तहत् राज्य में चयनित 5 नोड्स में मुख्य रूप से निम्न विकास कार्य किए जाएँगे-
खुशाखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराणा इंवेस्टमेंट रीजन
- यह रीजन दिल्ली NCR का भाग है तथा NH-8 के नजदीक है। यहाँ इंटीग्रेटेड टाउनशिप विकसित होगी।
- शाहजहाँपुर-नीमराणा-बहरोड़ में क्षेत्र में ग्लोबल सिटी विकसित होगी।
- एयरोट्रॉपॉलिस हवाई अड्डे का निर्माणः NH-8 के पास पालड़ी, मनोहरपुर में नये अंतर्राष्ट्रीय ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का निर्माण होगा।
- दिल्ली-मानेसर-नीमराना के मध्य क्षेत्रीय मेट्रो रेल ट्रांजिट सिस्टम (MRTS) का विकास होगा।
- ग्लोबल सिटी को भिवाड़ी-टपूकड़ा औद्योगिक कॉम्पलेक्स से जोड़ने हेतु सेंट्रल स्पाइन का निर्माण होगा।
- नॉलेज सिटी परियोजना :- इस परियोजना में खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना निवेश क्षेत्र का कुछ भाग नॉलेज सिटी के रूप में विकसित किया जाना प्रस्तावित है।
जयपुर-दौसा औद्योगिक क्षेत्र
- इसके तहत् सिकन्दरा में ग्रोथ पोल का विकास किया जाएगा। जयपुर-भरतपुर-आगरा के बीच ब्रॉडगेज का निर्माण किया जा रहा है तथा एग्रो फूड प्रोसेसिंग जोन भी बनाया जाना प्रस्तावित है।
अजमेर-किशनगढ़ इन्वेस्टमेंट रीजन
- किशनगढ़ में टेक्सटाइल पार्क और लॉजिस्टिक पार्क का विकास किया जाना प्रस्तावित है।
राजसमंद-भीलवाड़ा-औद्योगिक क्षेत्र
- उदयपुर एयरपोर्ट को और हाइटेक किया जा रहा है।
जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र
- इसके तहत् पाली में टेक्सटाइल पार्क तथा औद्योगिक क्षेत्र में एग्रोफूड प्रोसेसिंग जोन का निर्माण किया जायेगा।
- जोधपुर हवाई अड्डे को अत्याधुनिक बनाया जाएगा तथा मारवाड़-जंक्शन पर इनलैण्ड कंटेनर डिपो विकसित होगा।
- पाली-सोजत बाईपास का निर्माण।
- जोधपुर को मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक हब बनाया जाना प्रस्तावित है।
- जोधपुर को पाली से जोड़ने के लिए एक मास रेपिड ट्रांजिट सिस्टम का भी विकास किया जाना है।
स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना
इसके वर्तमान में 5 भाग हैं –
राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना-प्रथम (स्वर्णिम चतुर्भुज योजना)
- यह परियोजना भारत के चार महानगरों दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई एवं मुम्बई को 4/6 लेन में चौड़ाई करण से जोड़ती है। इस परियोजना की 694 किमी. लम्बाई राजस्थान के सात जिलों अलवर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, डूंगरपुर से होकर निकलती है। इस परियोजना में राज्य में एन.एच – 8, 76, 79 व 79ए पर कार्य किया गया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना-द्वितीय भाग प्रथम चरण (पूर्व-पश्चिम गलियारा)
- यह परियोजना सिलचर (असोम) से पोरबन्दर (गुजरात) को जोड़ने के लिए है। इस परियोजना में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 14(60 किमी.) व राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 76(468 किमी.) को मिलाकर 528 किमी. लम्बाई राजस्थान में आठ जिलों पिंडवाड़ा (सिरोही), उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, बून्दी, कोटा, बारां में से होकर निकलती है।
राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना-द्वितीय भाग द्वितीय चरण (उत्तर-दक्षिण गलियारा)
- यह परियोजना कश्मीर से कन्याकुमारी (तमिलनाडु) को जोड़ने की है। यह राजस्थान राज्य में केवल धौलपुर जिले से गुजरती है जिसकी लम्बाई 28.00 किमी. है।
राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना-तृतीय भाग
- इसके अन्तर्गत NH-11 पर जयपुर से आगरा तक 4 लेन का कार्य किया जा रहा है। (लम्बाई 185.5)
राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना-चतुर्थ भाग
- इसके अन्तर्गत NH-11B में करौली से धौलपुर के बीच कार्य किया जायेगा और ब्यावर से गौमती चौराहे तक 6 लेन का कार्य किया जायेगा।
राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना-पंचम भाग
- स्वर्णिम चतुर्भुज योजना को 4 लेन से 6 लेन किया जा रहा है।
सेतुभारतम परियोजना :- 4 मार्च, 2016 को शुरू। इसमें राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित समस्त रेल्वे क्रॉसिंग को R.O.B. में बदलने की योजना है।
चेतक परियोजना :- राज्य के सीमावर्ती इलाकों (बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर व गंगानगर) में सामरिक महत्व की सीमावर्ती सड़कें बनाने के लिए सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा चलाई गयी योजना।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना :- 25 दिसम्बर, 2000। इसमें केन्द्र एवं राज्य का वित्त में हिस्सा 60:40 है।
राजस्थान में सड़क परिवहन के मुख्य बिंदु
- सड़क नीति घोषित करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है।
- RSRTC राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम – स्थापना 1 अक्टूबर, 1964, आदर्श वाक्य – “शुभास्ते पन्थान : सन्तु”
- राजस्थान में पहली राजकीय बस टोंक से जयपुर 1952 में चलायी गई।
- हाड़ौती यातायात प्रशिक्षण पार्क कोटा में है।
- राजस्थान राज्य सुरक्षा परिषद का गठन 3 जुलाई, 2009 को किया गया।
- मोटर ड्राइविंग प्रशिक्षण संस्थान जयपुर में है।
- लर्निंग लाइसेंस को 2011-12 के बजट में ऑनलाईन कर दिया गया है।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना शत प्रतिशत केन्द्र सरकार की योजना है।
- चेतक परियोजना सीमावर्ती जिलों से सम्बन्धित है।
- राज्य का पहला एस्केलेटर ओवर ब्रिज एवं फुट ब्रिज जयपुर में नारायणसिंह सर्किल पर शुरू हुआ।
राजस्थान में रेल परिवहन
- मार्च, 2016 में राज्य में रेल मार्गो की कुल लम्बाई 5,893 किमी. थी, जो कि मार्च, 2018 के अन्त तक 5,929 किमी. हो गई।
- राज्य में भारतीय रेल मार्ग का 8.66 प्रतिशत रेलमार्ग की लम्बाई है।
- भारत में रेलमार्गों का निर्माण 1850 ई. में तत्कालीन वॉयसराय लार्ड डलहौजी के कार्यकाल में आरम्भ हुआ तथा रेल सेवा का प्रारम्भ 16 अपैल 1853 ई. को महाराष्ट्र के बोरीबंदर (मुंबई) से थाणे के मध्य (33.81 कि.मी.) हुआ।
- भारतीय रेल प्रणाली एशिया की सबसे बड़ी रेल प्रणाली है।
- उत्तर प्रदेश के पश्चात् राजस्थान देश में रेलमार्गों की सर्वाधिक लम्बाई वाला राज्य है।
- इसमें 81.77% ब्रॉड गेज, 16.9% मीटर गेज तथा 1.33% नैरोगेज रेलमार्ग शामिल है।
- भारत में रेलवे को 17 जोन व 67 मण्डलों में बाँटा गया है। इसमें से पाँच जोन एवं नौ मंडलों का कार्यक्षेत्र राजस्थान में पड़ता है। इसमें से 1 अपैल, 2003 को गठित नवीन जोन उत्तर-पश्चिम रेलवे(NWR) का मुख्यालय जयपुर में है।
- राज्य में रेलमार्गें का घनत्व 17.16 कि.मी प्रति हजार वर्ग कि.मी.है।
- राज्य में ‘भारतीय रेल अनुसंधान व परीक्षण केन्द्र’ का निर्माण पचपदरा (बाड़मेर) में किया जायेगा, जिसमें तेजगति (180 कि.मी. प्रति घंटा) से चलने वाली ट्रेनों का परीक्षण किया जायेगा। यहाँ से बालोतरा तक 27.5 कि.मी. का आधुनिक रेलमार्ग बनाया जा रहा है।
- भारत का सबसे बड़ा रेलवे मॉडल कक्ष उदयपुर में है।
- राजस्थान का नवीनतम रेलमार्ग मदार (अजमेर)-पुष्कर के मध्य 23 जनवरी, 2012 को प्रारम्भ हो गया है।
- राजस्थान में सर्वाधिक लम्बाई ब्रॉड गेज रेलामार्गें की है।
- राज्य में एकमात्र नैरो गेज रेलमार्ग वाला जिला धौलपुर है। (86.76)
- राजस्थान में पहली रेल आगरा फोर्ट से बांदीकुई (जयपुर रियासत) के मध्य अपेल, 1874 में चली।
- राजस्थान की दूसरी तथा मारवाड़ में पहली रेल 24 जून, 1882 को पाली से मारवाड़ जंक्शन के बीच चली।
- रेल्वे लाइन :- 3 प्रकार – ब्रॉडगेज (1.67 मी.) मीटर गेज (1 मीटर) नैरोगेज (0.76 मी.)
जयपुर मेट्रो रेल परियोजना
- जयपुर मेट्रो के प्रथम चरण का शिलान्यास 24 फरवरी, 2011 ई. को हुआ। इसमें प्रथम चरण में चाँदपोल से मानसरोवर तक चलाई जा रही है।
- जयपुर में मेट्रो परियोजना के लिए ‘जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन’(JMRC) का गठन 1 जनवरी, 2010 को किया गया है।
- प्रथम चरण में अजमेर पुलिया से सोडाला तक दोहरा एलिवेलेट ट्रेक का निर्माण किया गया है। यह ट्रेक देश का पहला और एशिया का दूसरा ट्रैक होगा जहाँ जमीन से ऊपर एलीवेटेड रोड और उसके ऊपर ही गुजरती मेट्रो रेल (Double Elevated Structure) होगी। थाइलैंड की राजधानी बैंकाक में एशिया का ऐसा पहला थ्री डेक ट्रेक है।
- जयपुर मेट्रो रेल प्रणाली भारत की छठी मेट्रो रेल प्रणाली (कोलकाता, दिल्ली, बैंगलुरू, मुम्बई, गुरूग्राम के बाद है।)
- मानवरोवर से चाँदपोल तक (चरण IA) मेट्रो रेल का संचालन 3 जून, 2015 से प्रारम्भ कर दिया गया है।
- “ग्रीन एनर्जी’ मिशन के तहत जयपुर मेट्रो के मानसरोवर डिपो पर 100 KWP क्षमता का सोलर प्लांट स्थापित किया गया है।
- ‘डिजिटल इंडिया’ मिशन के तहत जयपुर मेट्रो में यात्रियों की सुविधा हेतु स्वचालित टिकिट वेन्डिंग मशीन (टीवीएम) एवं स्मार्ट कार्ड का प्रावधान किया गया है।
- ‘बिजली बचाओ देश बचाओं’ अभियान के तहत 12,800 एलईडी लाइट्स जयपुर मेट्रो के 9 किमी. लम्बे एलीवेटेड मार्ग पर लगाई गई है। यह भारत के किसी भी रेलवे नेटवर्क पर बनी सबसे लंबी एलईडी स्काई लाईन है।
- ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ मिशन के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए जयपुर मेट्रो के श्याम नगर मेट्रो स्टेशन को एक ‘महिला शक्ति रेलवे स्टेशन’ के रूप में विकसित किया गया है, जहाँ सभी मेट्रोकर्मी महिलाएँ है।
राजस्थान में स्थित रेलवे उपक्रम
- सिमको वैगन फैक्ट्री (1957), भरतपुर (Central India Machinery Manufacturing Company) अक्टूबर, 2008 में पुनः प्रारम्भ किया गया है।
- पश्चिमी रेलवे क्षेत्रीय प्रशिक्षण केन्द्र, उदयपुर (1965)।
- अजमेर लोकोमेटिव कारखाना (1895)।
- भारतीय रेल अनुसंधान एवं परीक्षण केन्द्र – पचपद्रा (बाड़मेर) निर्माणाधीन। यहाँ तेज गति (180 किमी. प्रति घंटा) से चलने वाली ट्रेनों का परीक्षण किया जाएगा।
- पहली रेल बस : 2 अक्टूबर, 1994 को मेड़ता रोड़ से मेड़ता सिटी के बीच प्रारम्भ की गई।
- राजस्थान में छोटी लाइन (नैरोगेज) – केवल धौलपुर जिले में है।
- धौलपुर से तांतपुर (आगरा-उत्तरप्रदेश)
- धौलपुर से सरमथुरा।
- राज्य में बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ जिले ही ऐसे हैं जहां कोई रेलमार्ग नहीं है।
- राजस्थान में वर्तमान में दो गरीब रथ चले रहे हैं-
- जयपुर से बान्द्रा (2007)
- जयपुर से चंढ़ीगढ़ वाया-भिवानी, रेवाड़ी (हफ्ते में तीन दिन)।
- फेयरी क्वीन (1835), विश्व का सबसे पुराना रेलवे इंजन जो वर्तमान में परिचालन में है। यह दिल्ली से अलवर के बीच विशेष पर्यटन उत्सवों पर चलता है।
- पैलेस ऑन व्हीलस- सन् 1982 में मीटर गेज पर प्रारम्भ जो 1995 से ब्रॉड गेज।
- हैरीटेज ऑन व्हीलस-फरवरी, 2006 में जयपुर से बीकानेर वाया-सीकर, झुन्झुनूं, चूरू।
- विलेज ऑन व्हीलस-स्वदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पैलेस ऑन व्हीलस की तर्ज पर 29 नवम्बर, 2004 को प्रारम्भ की गई।
- राजस्थान रॉयल्स- सन् 2009 में प्रारम्भ।
- थार एक्सप्रेस-17 फरवरी, 2006 को मुनाबाव से खोखरापार के बीच चलाई गई।
- एशिया का सबसे बड़ा मीटर गेज रेलवे यार्ड फुलेरा में स्थित है।
- रेल बाबा किशनलाल सोनी (बूंदी) को कहा जाता है।
- राजस्थान में 11 अगस्त 1879 को अजमेर में लोको कारखाना स्थापित में तैयार होकर पहला इंजन 1895 में बना।
- राजस्थान में पहली डबल डेकर ए.सी. ट्रेन (यात्री गाड़ी), जयपुर से दिल्ली के बीच चलाई जा रही है।
- देश की पहली डबल स्टैक कंटेनर ट्रेन (मालगाड़ी) का शुभारम्भ कनकपुरा (जयपुर) से पीपावाव पोर्ट (गुजरात) के बीच हुआ।
- मोनो रेल राज्य के छः शहरों-जयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर, अजमेर, उदयपुर में मलेशिया के सहयोग से चलाई जाने का प्रस्ताव है।
- अजमेर के दौराई में रेल्वे प्रशासन के द्वारा सबसे बड़ा रेल कन्टेनर डिपो बनाया गया।
- भवानी मंडी रेलवे स्टेशन राज्य का एकमात्र ऐसा रेल्वे स्टेशन है जो आधा राजस्थान में व आधा मध्यप्रदेश में है।
- राज्य में प्रतापगढ़ ही ऐसा जिला रह जायेगा जो रेल मार्ग से जुड़ा हुआ नहीं है। क्योंकि रतलाम, बांसवाड़ा, डूंगरपुर रेलवे लाइन बनने की घोषणा होने से बांसवाड़ा जिला रेलमार्ग से जुड़ गया है।
राजस्थान में वायु परिवहन
- संघ सूची का विषय।
- राजस्थान में वर्तमान में 12 (6 नागरिक एवं 6 सैन्य) हवाई अड्डे और 20 हवाई पट्टियाँ हैं।
- राजस्थान का एकमात्र अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा सांगानेर (जयपुर) में है। इसे 29 दिसंबर, 2005 को अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा दिया गया।
- वर्ष 2015 में अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट कौंसिल द्वारा 2 से 5 मिलियन यात्री क्षमता वाले हवाई अड्डों में ‘जयपुर एयरपोर्ट’ को विश्व का सर्वश्रेष्ठ हवाई अड्डा घोषित किया गया है।
- यहाँ से देश के महत्वपूर्ण गंतव्य स्थलों दिल्ली, रायपुर, पुणे, बैंगलूरु, चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई, अहमदाबाद, कोलकाता, श्रीनगर एवं उदयपुर के लिए घरेलू वायुसेवा उपलब्ध है।
- जयपुर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से शारजाह (U.A.E.), दुबई (U.A.E.), अबू धाबी (U.A.E.), मस्कट (ओमान), सिंगापुर एवं बैंकाक (थाईलैंड) के लिए वायुसेना संचालित की जा रही है।
- महाराणा प्रताप एयरपोर्ट, डबोक (उदयपुर) से जयपुर, दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद एवं कोलकाता के लिए अन्तर्राष्ट्रीय हवाई सेवा उपलब्ध है।
- जोधपुर (रातानाडा) एयरपोर्ट से दिल्ली, मुम्बई, बंगलुरू एवं जयपुर के लिए हवाई सेवा संचालित की जा रही है।
- राज्य में कुल 20 हवाई पट्टियाँ हैं, जिनमें से चार हवाई पट्टियाँ कांकरोली, पिलानी, वनस्थली एवं अटरू हवाई पट्टी क्रमशः जे.के. ग्रुप, बिरला ग्रुप, बनस्थली विद्यापीठ एवं अडाणी ग्रुप के अधीन हैं, शेष 16 हवाई पट्टियाँ राज्य सरकार के अधीन हैं।
- राज्य में वर्तमान 6 नागरिक हवाई अड्डे जयपुर, उदयपुर, कोटा, जोधपुर, बीकानेर एवं जैसलमेर ‘भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI)’ के अधीन तथा छः सैन्य हवाई अड्डे जोधपुर, नाल (बीकानेर), उत्तरलाई (बाड़मेर), जैसलमेर, सूरतगढ़ (बीकानेर) एवं फलौदी (जोधपुर) में ‘भारतीय वायुसेना’ के अधीन हैं।
- राजस्थान सिविल एविऐशन कार्पोरेशन का गठन राज्य सरकार के द्वारा विभाग के पास उपलब्ध हैलीकॉप्टर एवं वायुयान का वाणिज्यिक उपयोग करने हेतु 20 दिसम्बर, 2006 को किया गया।
राजस्थान में नागरिक हवाई अड्डे
- सांगानेर हवाई अड्डा-जयपुर : राजस्थान का एकमात्र व देश का 14वाँ अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा।
- महाराणा प्रताप हवाई अड्डा डबोक (उदयपुर)
- रातानाडा हवाई अड्डा-जोधपुर
- कोटा एयरपोर्ट-कोटा (वर्तमान में हवाई सेवा शुरू नहीं हो पाई है।)
- बीकानेर एयरपोर्ट (दिल्ली-बीकानेर-दिल्ली हवाई सेवा 26 सितम्बर 2017 से प्रारंभ)
- जैसलमेर सिविल एयरपोर्ट
- सांगानेर हवाई अड्डे को अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा फरवरी, 2006 में दिया गया जो देश का 14वां अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है।
- नया ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा कोटकासिम (अलवर) में प्रस्तावित है।
- जोधपुर में नया ग्रीनफील्ड सिविल एयरपोर्ट की घोषणा जो मेलावास गंगाणी में प्रस्तावित है।
- किशनगढ़ (अजमेर) में नागरिक हवाई अड्डे का उद्घाटन 11 अक्टूंबर 2017 में किया गया।
- जैसलमेर सिविल एयरपोर्ट का उद्घाटन – 29 अक्टूंबर 2017।
राजस्थान में परिवहन से जुडे अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- राजस्थान राजमार्ग अधिनियम 2014 :- 8 मई, 2015 को लागू।
- राजस्थान राज्य राजमार्ग विकास परियोजना :- जायका, विश्व बैंक व एडीबी से वित्त पोषित।
- राजस्थान स्टेट हाइवेज ऑथोरिटी का गठन :- 2 जून, 2005 को।
- राजस्थान राज्य में रेल क्षेत्र में वर्तमान में 1 जोन एवं 5 मण्डल कार्यालय हैं।
- अमृत कक्ष :- जयपुर मेट्रो में चांदपोल व मानसरोवर मेट्रो स्टेशनों पर धात्री माताओं द्वारा शिशु को दूध पिलाने के लिए निर्मित विशेष कक्ष।
- प्रदेश का पहला एयरोट्रोपोलिस एयरपोर्ट :- कोट कासिम (अलवर)।
- किशनगढ़ हवाई अड्डे का कोड :- VIKG
- हनुमानगढ़ राज्य का वह जिला है जहाँ पर कोई राष्ट्रीय राजमार्ग नहीं है।
- Institute of Driving Training and Research :- रेलमगरा (राजसमन्द)
- ट्रैफिक पार्क :- जयपुर।
- उत्तर-पश्चिम रेल्वे मुख्यालय :- जयपुर।
- पाकिस्तान से आने वाली थार एक्सप्रेस का राजस्थान में प्रथम स्टेशन :- गडरारोड (बाड़मेर)।
- राजस्थान एयर कार्गो कॉम्पलेक्स :- साँगानेर (जयपुर)।
- रेल्वे ट्रेनिंग स्कूल :- उदयपुर। डबोक हवाई अड्डा :- उदयपुर।
- भारतमाला परियोजना के तहत राजस्थान में 1501 किमी. लम्बी सड़कों का निर्माण किया जायेगा।
- देश का एकमात्र महिला मेट्रो स्टेशन :- श्यामनगर मेट्रो स्टेशन।
- सड़क निर्माता शासक :- शेरशाह सूरी।
- राजस्थान में सर्वप्रथम राजकीय बस सेवा प्रारम्भ :- टोंक (1952)
- प्रदेश का पहला एक्सप्रेस हाइवे :- NH-8
- देश का पहला इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेन्ट इन्स्टीट्यूट :- अलवर में।
- राज्य सड़क विकास नीति :- सितम्बर 2013
- राजस्थान की प्रथम सड़क नीति :- 1994 में।
- ग्रामीण गौरव पथ योजना :- 2014-15 में प्रारम्भ।
- देश का पहला ट्रांसपोर्ट हब :- रेलमगरा (राजसमन्द)।
- राज्य का पहला ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट :- नीमराणा (अलवर) में।
- राजस्थान लोक परिवहन सेवा की शुरूआत :- 13 नवम्बर, 2015
- राजस्थान सड़क सुरक्षा नीति :- 29 नवम्बर, 2016।
- इस नीति का प्रमुख लक्ष्य 2020 तक सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को 50% कम करना है।
- राजस्थान सड़क विकास कोष अधिनियम :- 2004
- भारत निर्माण योजना :- 25 फरवरी, 2005