राजस्थान की झीलें

mygkbook की इस पोस्ट में हम को राजस्थान की मीठे पानी की झील, राजस्थान की सबसे खारे पानी की झील, राजस्थान की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील, rajasthan ki jhile, rajasthan ki jhile trick, rajasthan ki jhile gk,

राजस्थान में दो प्रकार की झीलें पाई जाती हैं :-

  • खारे पानी की झीलें
  • मीठे पानी की झीलें

खारे पानी की झीलें

  • खारे पानी की झीलें राजस्थान के उत्तरी-पश्चिमी मरुस्थलीय भाग में पाई जाती हैं।
  • राजस्थान में खारे पानी की झीलें टेथिस सागर का अवशेष मानी जाती हैं।
  • पश्चिमी राजस्थान में वायु द्वारा निर्मित नमकीन झीलें अधिक हैं। इन्हें ‘ढाढ़’ भी कहा जाता है। ये झीलें अस्थाई होती हैं।

राजस्थान में खारे पानी की झीलें

सांभर झील

  • राजस्थान की सबसे बड़ी खारे पानी की झील सांभर झील है
  • जयपुर जिले में जयपुर से लगभग 65 किलोमीटर पश्चिम में स्थित भारत की दूसरी सबसे बड़ी (चिल्का के बाद) खारे पानी की झील।
  • भारत के कुल नमक उत्पादन का 8.7% सांभर झील से उत्पादित होता है।
सांभर झील की स्थिति
  • 27° से 29° उत्तरी अक्षांश74° से 75° पूर्वी देशान्तरों के मध्य इसकी लम्बाई दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पश्चिम की ओर लगभग 32 किमी. तथा चौड़ाई 3 से 12 किमी. है।
  • यह झील तीन जिलों जयपुर, अजमेर एवं नागौर की सीमा बनाती है।
  • चौहान शासक वासुदेव द्वारा निर्मित।
  • इस झील में रुपनगढ़, मेघना, खारी एवं खंडेला अंत: प्रवाहित नदियाँ आकर गिरती हैं।
  • प्रसिद्ध “देवयानी‘ तीर्थ स्थल सांभर झील के पास स्थित है।
  • राजस्थान की सबसे नीची झील – इसका तल समुद्र तल से भी नीचा है। यहाँ पर 400 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया जाएगा।
  • वर्तमान में सांभर नमक परियोजना का प्रबंधहिन्दुस्तान साल्ट लिमिटेड‘ के हाथ में है।
  • यहाँ सोडियम सल्फेट संयंत्र भी स्थापित किया गया है। यहाँ सर्दियों में राजहंस (फ्लोमिगोंज) बड़ी संख्या में आते हैं।

डीडवाना झील

  • डीडवाना (नागौर) 3 किमी. लम्बी एवं 3 से 6 किमी. चौड़ी झील
  • यहाँ का नमक खाने योग्य नहीं होता है।
  • यहां “देवल जाति” के लोग नमक बनाते है।

पचपदरा झील

  • पचपदरा (बाड़मेर) में स्थित।
  • 25 वर्ग किलोमीटर में विस्तृत इस झील में उत्तम श्रेणी का नमक उत्पादित होता है।
  • इसमें 98% तक सोडियम क्लोराइड की मात्रा पाई जाती है।
  • इस झील में खारवाल जाति के लोग मोरली झाड़ी का उपयोग कर नमक के स्फटिक बनाते हैं।

लूणकरणसर झील

  • बीकानेर के लूणकरणसर में स्थित।
  • इस झील से नमक बहुत ही कम बनाया जाता है।

कावोद झील

  • जैसलमेर में स्थित।।
  • कुचामन (नागौर)
  • तालछापर (चूरू)
  • रैवासा (सीकर)
  • डेगाना (नागौर)
  • पौकरण(जैसलमेर)
  • बाप (जोधपुर)
  • कोछोर (सीकर)
  • नावां (नागौर)
  • पीथनपुरी (सीकर)

राजस्थान की मीठे पानी की झीलें

जयसमन्द झील

  • राणा जयसिंह द्वारा 1685-91 में गोमती नदी पर बाँध बनाकर इस झील का निर्माण किया गया।
  • राजस्थान की सबसे बड़ी एवं भारत की दूसरी सबसे बड़ी मीठे पानी की कृत्रिम झील है। ( पहली – गोविन्द सागर जलाशय (HP) )
  • यह झील उदयपुर शहर से लगभग 51 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित। लगभग 15 किमी. लम्बी व 2 से 8 किमी. चौड़ी है। क्षेत्रफल 55 वर्ग किमी.
  • इस झील में 7 टापू हैं – सबसे बड़ा :- बाबा का भागड़ा
  • सबसे छोटा :- प्यारी
  • इस झील से सिंचाई हेतु दो नहरें :- श्यामपुरा व भाट नहर
  • इसे “ढ़ेबर झील‘ भी कहा जाता है।

राजसमन्द झील

  • महाराणा राजसिंह द्वारा अकाल राहत हेतु कांकरौली में 1662 ई. में निर्माण प्रारम्भ करवाया। 1676 ई. में निर्माण पूर्ण हुआ।
  • यह झील लगभग 6.5 किमी. लम्बी व 3 किमी. चौड़ी है। इसमें गोमती नदी आकर गिरती है।
  • इस झील का उत्तरी पाल “नौचोकी पाल’ कहलाता है, जहाँ पर 25 शिलालेखों पर राजसिंह प्रशस्ति उत्कीर्ण है, जिसमें मेवाड़ का इतिहास संस्कृत भाषा में लिखा है।

पिछोला झील

  • 14वीं सदी के अंत में राणा लाखा के शासनकाल में एक बंजारे द्वारा पिछोला गाँव (उदयपुर) में निर्मित झील।
  • इस झील के किनारे दो टापुओं पर जगमंदिर और जगनिवास नाम के सुन्दर महल बने हुए हैं।
  • खुर्रम (शाहजहाँ) ने विद्रोही दिनों में यहीं आकर शरण ली थी। वर्तमान में इन महलों में लेक पैलेस होटल संचालित हैं।

फतेहसागर झील

  • राणा फतेहसिंह द्वारा 1888 ई. में उदयपुर में निर्मित।
  • यह नहर के माध्यम से पिछोला झील से जुड़ी हुई है।
  • इसके बाँध की नींव ड्यूक ऑफ कनॉट द्वारा रखे जाने से इसका नाम कनॉट बाँध है। इस झील में एक टापू पर सौर वैधशाला स्थित है।

उदयसागर

आनासागर झील

  • अजमेर में 1137 ई. में आनाजी (पृथ्वीराज चौहान के पितामह) द्वारा निर्मित झील।
  • इस झील के किनारे जहाँगीर द्वारा दौलतबाग (सुभाष उद्यान) का निर्माण करवाया गया।
  • शाहजहाँ ने इसके तट पर सुन्दर संगमरमर की छतरियाँ (बारादरी) का निर्माण करवाया। इसमें बांडी नदी का पानी आता है।

फॉयसागर झील

  • अजमेर में अंग्रेज इंजीनियर फॉय के निर्देशन में निर्मित।
  • इसका निर्माण अकाल राहत परियोजना के तहत बांडी नदी के पानी को रोककर हुआ।

पुष्कर झील

  • अजमेर से 11 किमी. दूर पुष्कर में स्थित है। हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल। हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा को मेला भरता है।
  • इस झील के किनारे प्राचीन ब्रह्माजी का मंदिर एवं सावित्री मंदिर अवस्थित है।

नक्की झील

  • माउण्ट आबू (सिरोही) में रघुनाथ जी के मंदिर के पास स्थित झील।
  • राजस्थान की सबसे ऊँची झील
  • टॉड रॉक एवं नन रॉक यहाँ स्थित विशाल चट्टानें हैं।

कोलायत झील

  • बीकानेर से लगभग 48 किमी. दक्षिण-पश्चिम की ओर कोलायत कस्बे में स्थित झील।
  • यहाँ कपिल मुनि की तपोभूमि व आश्रम स्थित है। यहाँ कार्तिक पूर्णिमा को मेला भरता है।

सिलीसेढ़ झील

  • अलवर में अलवर-जयपुर सड़क मार्ग पर स्थित झील।
  • यहाँ 1845 ई. में अलवर के राजा विनयसिंह द्वारा अपनी रानी हेतु एक महल व शाही लॉज बनवाया, जो आजकल “लेक पैलेस होटल’ के रूप में प्रसिद्ध है।
  • सरिस्का अभ्यारण्य यहीं स्थित है। इस झील को “राजस्थान का सुंदरकानन‘ कहा जाता है।

बालसमन्द झील

  • जोधपुर में 1159 ई. में राव बालकराव द्वारा निर्मित करवायी गयी।

मोती झील

  • भरतपुर (मोती झील से प्राप्त नील हरित शैवाल (उपनाम – भरतपुर की से N2 युक्त खाद प्राप्त होता है। इस झील जीवन रेखा) का निर्माण रुपारैल नदी की बाढ़ से भरतपुर को बचाने के लिए किया गया।)

अन्य झीलें / बाँध

  • भीमसागर, भूपालसागर -चित्तौड़गढ़
  • नवल खाँ झील-बूँदी
  • गैब सागर-डूंगरपुर
  • सूरसागर, अनूपसागर, गजनेर-बीकानेर
  • रामगढ़ बाँध, छापरवाड़ा बाँध-जयपुर
  • चाँद बावड़ी-दौसा
  • अजीत सागर झील, पन्नालाल शाह तालाब-झुंझुनूं
  • माधोसागर बाँध-दौसा
  • बुझ झील-जैसलमेर
  • तालाबशाही-धौलपुर
  • जाखम बाँध-प्रतापगढ़
  • जिगजैग बाँध-बूँदी
  • बाँकली बाँध-जालौर
  • किशोर सागर तालाब-कोटा
  • गडसीसर सरोवर-जैसलमेर
  • अडवान बाँध-भीलवाड़ा
  • नंदसमंद झील – राजसमंद
Spread the love

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!