राज्य सरकार की प्रदेश में 7 जिले और 3 सम्भाग बनाने की तैयारी, सेवानिवृत्त आईएएस डॉ. रामलुभाया कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट
प्रदेश में 40 जिले और 10 सम्भाग होगें
नया जिला बनाने के लिए कई प्रकार हैं
- जनगणना और जनसंख्या डेटा: एक नया जिला बनाने के लिए, सरकार को जनसंख्या और क्षेत्र के बारे में जानकारी की आवश्यकता होती है।
- प्रशासनिक और वित्तीय व्यवहार्यता: सरकार को पता होना चाहिए कि नया जिला बनाने का प्रशासन और वित्त पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
- राजनीतिक विचार: कभी-कभी, एक नया जिला बनाने के लिए राजनीतिक विचारों को भी ध्यान में रखा जाता है।
- जन परामर्श: नया जिला बनाने के लिए सरकार को जनता से जुड़े हितधारकों की राय लेना आवश्यक है।
- कानूनी विचार: एक नया जिला बनाने के लिए सरकार को सरकारी कानूनों और विनियमों के उल्लंघन के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
- पर्यावरणीय प्रभाव: सरकार को एक नया जिला बनाने के पर्यावरणीय प्रभाव पर ध्यान देना होगा
- आर्थिक प्रभाव: जिले के गठन के लिए अर्थव्यवस्था के प्रभाव का विश्लेषण करना भी आवश्यक है।
ये सभी राज्यों में अलग-अलग हो सकती हैं।
चुनावी साल में राज्य सरकार ने प्रदेश में 7 जिले और 3 सम्भाग बनाने की कवायद तेज कर दी है। नये जिलों के लिये सेवानिवृत्त आईएएस डॉ. रामलुभाया की अध्यक्षता में गठित हाईलेवल कमेटी ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी।
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प्रदेश को कोटा में तीसरी पुलिस कमिश्नरेट भी मिलेगी
नये जिलों और तीन सम्भागों के गठन के बाद बदल जायेगी प्रदेश भौगोलिक तस्वीर
सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार ब्यावर, बालोतरा, भिवाङी, नीम का थाना, कुचामन सिटी, सुजानगढ और फलौदी को जिले बनाने की घोषणा करेगी। साथ ही सीकर, बाङमेर, चितौङगढ को सम्भाग मुख्यालय बनाया जायेगा। कोटा में प्रदेश की तीसरी पुलिस कमिश्नरेट बनाई जायेगी। साथ ही कोटा को विकास प्राधिकरण भी मिलेगा।
- जयपुर सम्भाग– जयपुर सम्भाग में जिला जयपुर, दौसा, अलवर के साथ नये जिले भिवाङी को शामिल किया जायेगा।
- सीकर सम्भाग– जयपुर सम्भाग से जिला सीकर, झुन्झुनू और बीकानेर सम्भाग से जिला चूरू को शामिल कर नये जिले नीम का थाना को मिलाकर शेखावाटी क्षैत्र में नये सम्भाग सीकर का गठन किया जायेगा।
- बीकानेर सम्भाग– बीकानेर सम्भाग में बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ जिले यथावत रहेंगे और नये जिले सुजानगढ को शामिल किया जायेगा।
- जोधपुर सम्भाग– जोधपुर सम्भाग में जिला जोधपुर और पाली यथावत रहेंगे। भौगोलिक स्थिति और समानता के कारण अजमेर सम्भाग से नागौर जिले को जोधपुर में शामिल किया जायेगा और नये जिले फलौदी को जोधपुर सम्भाग में शामिल किया जायेगा।
- बाङमेर सम्भाग– जोधपुर सम्भाग से जिला बाङमेर, जैसलमेर और जालोर के साथ नये जिले बालोतरा को शामिल कर बाङमेर नया सम्भाग बनाया जायेगा।
- अजमेर सम्भाग– अजमेर सम्भाग में अजमेर और टोंक जिलों के साथ नये जिले ब्यावर और कुचामन सिटी को शामिल किया जायेगा।
- चितौङगढ सम्भाग- उदयपुर सम्भाग से चितौङगढ, प्रतापगढ तथा बांसवाङा जिला और अजमेर सम्भाग से भीलवाङा को मिलाकर चितौङगढ को नया सम्भाग मुख्यालय बनाया जायेगा।
- उदयपुर सम्भाग- उदयपुर सम्भाग में उदयपुर, डूंगरपुर, राजसमन्द जिले रहेंगे और भौगोलिक स्थिति, दूरी को देखते हुए जोधपुर सम्भाग से सिरोही जिले को उदयपुर सम्भाग में शामिल किया जायेगा।
- कोटा सम्भाग– कोटा सम्भाग यथावत रहेगा। इसमें पूर्व की भांति कोटा, बून्दी, झालावाङ और बारां जिले रहेंगे। लेकिन कोटा सम्भाग में प्रदेश की तीसरी पुलिस कमिश्नरेट बनाई जायेगी। सम्भाग मुख्यालय को विकास प्राधिकरण भी मिलेगा।
- भरतपुर सम्भाग- भरतपुर सम्भाग भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर और करौली जिले के साथ यथावत रहेगा।
राजस्थान की भौगोलिक तस्वीर 2023
- जयपुर सम्भाग- जयपुर, दौसा, अलवर, भिवाङी
- सीकर सम्भाग- सीकर, झुन्झुनू, चूरू, नीम का थाना
- बीकानेर सम्भाग- बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ, सुजानगढ
- जोधपुर सम्भाग- जोधपुर, पाली, नागौर, फलौदी
- बाङमेर सम्भाग- बाङमेर, जैसलमेर, जालौर, बालोतरा
- अजमेर सम्भाग- अजमेर, टोंक, ब्यावर, कुचामन सिटी
- चितौङगढ सम्भाग- चितौङगढ, प्रतापगढ, बांसवाङा, भीलवाङा
- उदयपुर सम्भाग- उदयपुर, डूंगरपुर, राजसमन्द, सिरोही
- कोटा सम्भाग- कोटा, बून्दी, झालावाङ, बारां
- भरतपुर सम्भाग- भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, करौली