राजस्थान के प्रजामण्डल आन्दोलन

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राजस्थान के प्रजामण्डल

  • 1939 ई. में करौली में प्रजामंडल स्थापित हुआ।
  • उत्तरदायी शासन व नागरिक अधिकारों को लेकर त्रिलोक चंद माथुर, चिंरजीलाल शर्मा आदि ने संघर्ष जारी रखा।
  • बाँसवाड़ा में 1943 ई. में भूपेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने प्रजामंडल की स्थापना की।
  • डुंगरपुर में भोगीलाल पांड्या ने 1944 में सेवा संघ स्थापित किया। डूंगरपुर प्रजामंडल की स्थापना भोगीलाल पांड्या ने 1944 ई. में की।
  • रास्तापाल कांड डूंगरपुर में जून, 1947 में हुआ। जिसमें रियासती सैनिकों ने रास्तापाल गांव की पाठशाला के संरक्षक नानाभाई खांट को मौत के घाट उतारा व अध्यापक सेंगाभाई को ट्रक से बांधकर घसीटने लगे। तब 13 वर्षीय भील बालिका कालीबाई की अपने अध्यापक को रस्सी काटकर मुक्त करने के कारण गोली मारकर हत्या कर दी गई।
  • प्रतापगढ़ में ठक्कर बापा की प्रेरणा से अमृतलाल, चुन्नीलाल प्रभाकर ने प्रजामंडल की स्थापना 1945 ई. में की।
  • सिरोही में 1939 ई. में गोकुल भाई भट्ट ने प्रजामंडल की बागडोर संभाली किन्तु वह अधिक सक्रिय नहीं हो पाया।
  • झालावाड़ में प्रजामण्डल की स्थापना मांगीलाल जी द्वारा की गई।
  • किशनगढ़ प्रजामंडल की स्थापना 1939 ई. में हुई।

प्रजामण्डल आन्दोलन

  1. झालावाड़ प्रजामण्डल – 25 नवम्बर 1946 संस्थापक अध्यक्ष – मांगी लाल भव्यइस प्रजामण्डल को राजघराने का समर्थन था।
  2. प्रतापगढ़ प्रजामण्डल1945 चुन्नीलाल व अमृतलाल द्वारा गठित
  3. बांसवाड़ा प्रजामण्डल 1943 भूपेन्द्रनाथ त्रिवेदी हरिदेव जोशी
  4. डूँगरपुर प्रजामण्डल – 1 अगस्त 1944 भोगीलाल पांड्या इस प्रजामण्डल में जनता में जाग्रति उत्पन्न करने हेतु प्रयाण सभाएं बनाई
  5. कुशलगढ़ प्रजामण्डल – अप्रैल 1942 अध्यक्ष – भंवरलाल निगम गठन – कन्हैयालाल सेठिया
  6. जैसलमेर प्रजामण्डल – 15 दिसम्बर 1945 अध्यक्ष – मीठालाल व्यास मीठालाल व जयनारायण व्यस द्वारा जोधपुर में गठीत।
  7. जयपुर प्रजामण्डल – 1931 अध्यक्ष कर्पूरचन्द पाटनी 1936-37 में चिरंजीलाल मिश्र की अध्यक्षता में पुनर्गठित 1938 में जमलनालाल बजाज अध्यक्ष बने जेंटलमेंट समझौते के बाद इस प्रजामाण्डल ने भारत छोड़ाे आन्दोलन 1942 में भाग नहीं लिया यह राजस्थान का प्रथम प्रजामण्डल था। हरिशचन्द्र ने 1942 में आजाद मौर्चें का गठन किया।
  8. बुंदी प्रजामण्डल – 1931 कांतिलाल चौथानी
  9. मारवाड़ प्रजामण्डल – 1934 स्थापना – जयनारायण व्यास ने जोधपुर की अध्यक्ष – भंवरलाल सर्राफ 1938 में रणछोड़दास गट्‌टानी की अध्यक्षता में मारवाड़ लोक परिषद का गठन हुआ। 19 जून 1942 में बालमुकन्द बिस्सा की भूख हड़ताल के कारण मृत्यु।
  10. हाड़ौती प्रजामण्डल 1934 नयनूराम शर्मा 1938 में नयनूराम शर्मा व अभिन्न हरि द्वारा गठित कोटा प्रजामण्डल गठित।
  11. धौलपुर प्रजामण्डल – 1936 कृष्ण दत्त पालीवाल, ज्वाला प्रसाद जिज्ञासु 1934 में ज्वाला प्रसाद जिज्ञासु व जौहरी लाल इन्दु ने धौलपुर में नागरी प्रचारणी सभा स्थापित की।
  12. बीकानेर प्रजामण्डल – 4 अक्टूबर 1936 अध्यक्ष – मघाराम वैद्य व श्री लक्ष्मण दास स्वामी द्वारा गठितएक मात्र प्रजामण्डल जिसकी स्थापना राजस्थान के बाहर कलकत्ता में हुई 1943 में रघुवरदास द्वारा बीकानेर राज्य परिषद का गठन हुआ।
  13. मेवाड़ प्रजामण्डल 24 अप्रैल 1938 संस्थापक – माणिक्यलापल वर्मा अध्यक्ष – बलवंत सिंह मेहता उपाध्यक्षभूरेलाल बया 1941 में मेवाड़ प्रजामण्डल का प्रथम अधिवेशन उदयपुर की शाहपुरा हवेली में माणक्यलाल वर्मा की अध्यक्षता में हुआ। जे.बी. कृपलानी विजयालक्ष्मी पण्डित ने भाग लिया भूरे लाल बया को सराडा किला (मेवाड़ का काला पानी) में कैद किया गया।
  14. अलवर प्रजामण्डल – 1938 हरिमोहन शर्माकुंज बिहारी 1939 में इसके रजिस्ट्रेशन के बाद सरदार नत्थमल इसके अध्यक्ष बनें।
  15. भरतपुर प्रजामण्डल – 1938 गठन किशनलाल जोशी अध्यक्ष गोपीलाल यादव 
  16. शाहपुरा प्रजामण्डल18 अप्रैल 1938 रमेश दत्त औझा, लाधुराम व्यास शाहपुरा प्रथम रियासत थी जिसने उत्तरदायी शासन की स्थापना की।
  17. सिरोही प्रजामण्डल 23 जनवरी 1939 गोकुल भाई सिरोही में गठित किया 
  18. करौली प्रजामण्डलअप्रैल 1939 त्रिलोक चंद माथुर व चिरंजिलाल शर्मा
  19. किशनगढ़ प्रजामण्डल – 1939 गठन कांतिलाल चौथानी अध्यक्ष – जमाल शाह
  • राजस्थान में देशी रियासतों में रचनात्मक गतिविधियों को प्रारम्भ करने एवं जनता में राजनीतिक जागृति पैदा करने का श्रेय प्रजामण्डलों को है।
  • सन् 1931 में कर्पूरचंद पाटनी ने जयपुर प्रजामण्डल का गठन किया।
  • 1938 ई. में जयपुर प्रजामण्डल का पुनर्गठन किया गया। इसके नेता जमनालाल बजाज, हीरालाल शास्त्री, चिरंजीलाल मिश्र, टीकाराम पालीवाल व बाबा हरीशचन्द्र मुख्य थे।
  • मारवाड़ प्रजामण्डल की स्थापना सन् 1934 में जोधपुर मे भँवरलाल सर्राफ द्वारा की गयी।
  • सन् 1938 में मारवाड़ लोक परिषद का गठन किया गया। इसके नेता जयनारायण व्यास, अभयमल जैन, रणछोड़ दास गट्टाणी थे, इसका गठन सुभाषचन्द्र बोस ने किया।
  • सन् 1936 में मघाराम वैद्य ने कलकत्ता में बीकानेर प्रजामण्डल की स्थापना की।
  • सन् 1942 मे रघुवीर दयाल गोयल ने बीकानेर में ‘बीकानेर राज्य प्रजा परिषद’ का गठन किया।
  • हाड़ौती प्रजामण्डल के प्रमुख नेताओं में पं. नयनुराम शर्मा पं. अभिन्न हरि शामिल है।
  • भरतपुर प्रजामण्डल (1938 ई.) के प्रमुख नेताओं मे गोपीलाल यादव,किशनलाल जोशी, जुगलकिशोर चतुर्वेदी, मास्टर आदित्येन्द्र थे।
  • सिरोही प्रजामण्डल (1939) के संस्थापक गोकुल भाई भट्ट थे।
  • मेवाड़ प्रजामण्डल (1938) के नेता माणिक्य लाल वर्मा, बलवन्त सिंह मेहता, भुरेलाल बया थे।
  • अलवर प्रजामण्डल (1938) के नेता पं. हरिनारायण शर्मा, कुंज बिहारीलाल मोदी थे।
  • करौली प्रजामण्डल (1939 ई.) त्रिलोक चंद माथुर, चिरंजी लाल शर्मा
  • धौलपुर प्रजामण्डल (1938 ई.) ज्वाला प्रसाद, जौहरी लाल
  • शाहपुरा प्रजामण्डल (1938 ई.)रमेशचंद, लादु राम
  • डूंगरपुर प्रजामण्डल (1944 ई.)भोगीलाल पंड्या, हरिदेव जोशी
  • बाँसवाड़ा प्रजामण्डल (1943 ई.)भूपेन्द्रनाथ, धूलजी भाई
  • जैसलमेर प्रजामण्डल (1945 ई.)मीठालाल व्यास 
  • 1927 ई. में बम्बई में अखिल भारतीय देशी राज्य लोक परिषद का गठन जमनालाल बजाज द्वारा किया गया।
  • सन् 1938 के कांग्रेस के हरिपुरा अधिवेशन में देशी राज्यों में स्वतन्त्रता संग्राम चलाने का प्रस्ताव पास हुआ।
  • राजस्थान सेवा संघ की स्थापना – 1919 ई. में वर्धा में विजय सिंह पथिक, केसरी सिंह बारहठ व अर्जुन लाल सेठी द्वारा।
  • सन् 1920 में राजस्थान सेवा संघ का मुख्यालय अजमेर में स्थापित हुआ।
  • सन् 1919 में राजपूताना-मध्य भारत सभा का गठन अजमेर में जमना लाल बजाज, केसरीसिंह बारहठ एवं चाँदकरण शारदा द्वारा किया गया।
  • सन् 1910 में वीर भारत सभा की स्थापना केसरीसिंह बारहठ एवं गोपालसिंह खरवा द्वारा की गयी।
  • सन् 1919 में वीर भारत समाज की स्थापना विजयसिंह पथिक द्वारा की गयी।
  • शाहपुरा प्रथम रियासत थी, जिसके शासक सुदर्शन देव ने सर्वप्रथम उत्तरदायी शासन की स्थापना की (14 अगस्त 1947 को)।
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