my gk book इस पोस्ट में हम आप को भारत में मौजूद प्राचीन सभ्यता के बारे में विस्तार से बतायगे। इस पोस्ट में आप को Harappa Sabhyata History in Hindi ( हड़प्पा सभ्यता ) के बारे में बतायगे
Harappan Civilization Introduction in Hindi
- मानव का विकास पृथ्वी पर अतिनूतन काल के आरम्भ में हुआ।
- गर्त्त आवास का साक्ष्य गुफ्फकरल (कश्मीर), बुर्जहोम (कश्मीर) तथा नागर्जुनकोंडा (आन्ध्र प्रदेश) से मिला है।
- बेलन घाटी क्षेत्र (उत्तर प्रदेश) पुरापाषाण काल के तीनों चरण से जुड़ा है।
- भीमबेटका (मध्य प्रदेश) से गुफा चित्रकारी के साक्ष्य मिले हैं।
- मध्य प्रदेश के आदमगढ़ तथा राजस्थान के बागोर से पशुपालन के सबसे पुराने साक्ष्य मिलते हैं।
- मेहरगढ़ से सर्वप्रथम कृषि का साक्ष्य मिला है।
- नवपाषाण युग के हड्डी के हथियार बिहार के चिरांद नामक स्थान से प्राप्त हुए है।
- इलाहाबाद के ’कोल्डीहवा‘ स्थान से चावल की खेती के प्राचीनतम साक्ष्य मिले हैं।
- मनुष्य के साथ पालतू पशु को दफनाने का साक्ष्य बुर्जहोम से मिला है।
Harappa History in Hindi
- हड़प्पा सभ्यता का नामकरण हड़प्पा स्थल के नाम से किया गया क्योंकि यहाँ से सबसे पहले इस सभ्यता से संबंधित सामग्री मिलती है।
- हड़प्पा सभ्यता कांस्ययुगीन सभ्यता है।
- हड़प्पा सभ्यता के अंतर्गत पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान, अफगानिस्तान, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भाग आते हैं।
- रेडियो कार्बन (C-14) तिथि के अनुसार हड़प्पा सभ्यता का सर्वमान्य काल 2300-1750 ई. पू. को माना जाता है।
- जॉन मार्शल ’सिंधु सभ्यता’ नाम का प्रयोग करने वाले पहले पुरातत्वविद् थे।
- अमलानन्द घोष ने ’सोथी संस्कृति‘ का हड़प्पा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान माना है।
- मोहनजोदड़ों की बहुंख्यक जनता भूमध्यसागरीय प्रजाति की थी।
हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख स्थल तथा विशेषताएं
- हड़प्पा सभ्यता पश्चिमी पंजाब प्रान्त के मोंटगोमरी जिले में रावी नदी के बायें तट पर स्थित है।
- हड़प्पा सभ्यता में दो कमरों वाले बैरक भी मिले हैं जो शायद मजदूरों के रहने के लिए थे।
- हड़प्पा सभ्यता से एक अन्नागार मिला है जो गढ़ी के बाहर निचले शहर में स्थित है।
- हड़प्पा सभ्यता किले के दक्षिण में एक शवस्थान पाया गया है जिसे पुरातत्वविदों ने आर-37 नाम दिया है।
- ताबूत शवाधान का साक्ष्य यहाँ से मिला है।
- यहाँ से शृंगार बक्सा की प्राप्ति हुई है।
मोहनजोदड़ो सभ्यता
- मोहनजोदड़ो का क्या अर्थ है ’मुर्द़ों का टीला‘ है।
- मोहनजोदड़ों सिंधु नदी के दाहिने किनारे पर अवस्थित था जो वर्तमान में पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के लरकाना जिले में स्थित है।
- मोहनजोदड़ो का सबसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थल ’विशाल स्नानागार’ है।
- इस स्थल से मानव कंकाल (शायद नरसंहार) के साक्ष्य मिले हैं।
- लोथल सभ्यता से कांसे की नृत्य करती हुई नर्तकी की मूर्ति प्राप्त हुई है। इसका निर्माण द्रवी-मोम विधि से हुआ है।
- मोहनजोदड़ो से प्राप्त मुहर पर एक योगी को ध्यान मुद्रा में एक टांग पर दूसरी टांग डाले बैठा दिया गया है।’सीप से निर्मित स्केल‘ का साक्ष्य भी यहाँ से मिला है।
- हड़प्पा सभ्यता में एक मात्र ’खिड़की का साक्ष्य‘ यहीं से मिला है।
लोथल सभ्यता
- लोथल सभ्यता गुजरात के अहमदाबाद जिले में भोगवा नदी के किनारे सरागवाला ग्राम के समीप स्थित है।
- लोथल सभ्यता से बंदरगाह के प्रमाण प्राप्त हुए हैं।
- लोथल सभ्यता मनकों का एक कारखाना मिला है।
- इस स्थल से एक ऐसी मुहर मिली है जिस पर जहाज का चित्र अंकित है।
- यहाँ से युगल शवाधान की प्राप्ति हुई है।
- लोथल सभ्यता से कांसे की छड़, ताम्बे की मुहर तथा ताम्बे का कुत्ता प्राप्त हुआ है।
- लोथल सभ्यता से अन्न पीसने की चक्की मिली है।
- हाथी दांत का स्केल इस स्थल से मिला है।
कालीबंगा सभ्यता
- कालीबंगा से हड़प्पा सभ्यता के साथ-साथ हड़प्पा पूर्व सभ्यता के अवशेष भी प्राप्त हुए हैं।
- कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में स्थित घग्घर नदी के किनारे स्थित है।
- कालीबंगा सभ्यता का अर्थ काले रंग की मिट्टी की चूड़ियां होती है।
- यहाँ से जुते खेत के साक्ष्य मिले हैं।
- दो फसलों को उगाने का प्रमाण यहाँ से मिला है।
- कालीबंगा सभ्यता के फर्श पर अलंकृत ईंट के प्रयोग का साक्ष्य मिला है।
- इस स्थल में लकड़ी के पाइप के प्रयोग का प्रमाण मिला है।
- शल्य चिकित्सा का साक्ष्य यहाँ मिला है।
चन्हुदड़ो सभ्यता
- चन्हुदड़ो सभ्यता मोहनजोदड़ो से 130 किमी. दक्षिण में स्थित है।
- चन्हुदड़ो सभ्यता से मनका बनाने का एक कारखाना प्राप्त हुआ है।
- सौंदर्य प्रसाधान सामग्री के अवशेष यहाँ मिले हैं।
बनवाली सभ्यता
- बनवाली सभ्यता हरियाणा के हिसार जिले में सरस्वती नदी के किनारे स्थित है।
- बनवाली सभ्यता से मिट्टी के खिलौने हल की प्राप्ति हुई है।
- बनवाली सभ्यता स्थल से जौ, तिल तथा सरसों के ढेर मिले हैं।
रंगपुर सभ्यता
- रंगपुर सभ्यता गुजरात के काठियावाड़ प्रायद्वीप में भादर नदी के समीप स्थित है।
- रंगपुर सभ्यता पर पूर्वकालीन व उत्तरोतर हड़प्पा संस्कृति के अवशेष मिले हैं।
- रंगपुर सभ्यता स्थल से चावल की भूसी के प्रमाण मिले हैं।
सुरकोटदा सभ्यता
- सुरकोटदा सभ्यता गुजरात राज्य के कच्छ क्षेत्र में यह स्थल स्थित है।
- सुरकोटदा सभ्यता स्थल की खोज 1964 में जगपति जोशी ने की थी।
- सुरकोटदा सभ्यता से घोड़े की हड्डी के अवशेष मिले हैं।
- कलश शवाधान के साक्ष्य यहाँ से मिले हैं।
- सुरकोटदा सभ्यता में ऊपर से कब्र को पत्थर से ढकने का साक्ष्य यहाँ से मिला है।
धौलावीरा सभ्यता
- धौलावीरा सभ्यता गुजरात राज्य के कच्छ जिले में धौलावीरा स्थित है।
- धौलावीरा सभ्यता नगर हड़प्पा सभ्यता के सबसे बड़े नगरों में से है।
- अन्य हड़प्पाई स्थल के विपरीत धौलावीरा नगर तीन खंडों में विभाजित है।
सुत्कागेनडोर सभ्यता
- सुत्कागेनडोर सभ्यता पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त में दाश्क नदी पर सुत्कागेनडोर स्थित है।
- सुत्कागेनडोर सभ्यता से बंदरगाह के अस्तित्व का पता यहाँ से चला है।
आलमगीरपुर सभ्यता
- आलमगीरपुर सभ्यता उत्तर प्रदेश राज्य के मेरठ जिले के हिंडन नदी के तट पर आलमगीरपुर स्थित है।
- यहाँ से एक भी मातृदेवी की मूर्ति और मुद्रा प्राप्त नहीं हुई है।
रोपड़ सभ्यता
- रोपड़ सभ्यता यहाँ हड़प्पा पूर्व एवं हड़प्पाकालीन संस्कृतियों के अवशेष मिले हैं।
- शवों को अंडाकार गड्ड़ों में दफनाया जाता था।
- रोपड़ सभ्यता से मानवीय कब्र के नीचे एक कुत्ते के शवाधान मिले हैं।
कोटदीजी सभ्यता
- कोटदीजी सभ्यता यह स्थल हड़प्पा पूर्व और हड़प्पाकालीन दोनों समय अस्तित्व में था।
- कोटदीजी सभ्यता मकान कच्ची ईंटों से बने हैं परन्तु नीवों में पत्थर का प्रयोग हुआ है।
राखीगढ़ी सभ्यता
- राखीगढ़ी सभ्यता यह स्थल हरियाणा राज्य के जिंद जिले में स्थित है।
- इस स्थल की खोज प्रो. सूरजभान और आचार्य भगवानदेव ने की थी।
- भारत में हड़प्पा सभ्यता के विशालतम नगरों में राखीगढ़ी एक है।