संघीय न्यायपालिका – सर्वोच्च न्यायालय
- भारत का सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में है। सर्वोच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश और 30 (1+30) = 31 न्यायाधीश होते हैं।
- मुख्य न्यायाधीश व अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है।
- सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाने का अधिकार भारत की संसद को हैं।
- सर्वोच्च न्यायालय की कार्य भाषा केवल अंग्रेजी हैं।
- सर्वोच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश हीरालाल जे. कानिया थे। वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (3 अक्टूबर, 2018)
- सर्वोच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश श्रीमती मीरा साहिब फातिमा बीबी थी। ये आन्ध्रप्रदेश की थी।
- सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु तक अपने पद पर कार्य कर सकते हैं।
- 65 वर्ष की आयु से पहले इन्हें संसद के द्वारा हटाया जा सकता है।
- सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को 1 लाख रु. मासिक वेतन के रूप में तथा अन्य न्यायाधीशों को 90 हजार रू. मासिक वेतन दिया जाता है।
- न्यायाधीशों के वेतन में पद ग्रहण करने के बाद किसी प्रकार की कटौती नहीं की जा सकती।
- यदि राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति दोनों का पद रिक्त हो तो सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश कार्य वाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता हैं।
- अब तक सर्वोच्च न्यायालय के एक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मोहम्मद हिदायतुल्ला कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर चुके हैं।
- सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना करने का मुख्य उद्देश्य केन्द्र व राज्य सरकारों के मध्य तथा दो या दो से अधिक राज्यों के मध्य विवादों को हल करना है।
- सर्वोच्च न्यायालय को संविधान का रक्षक बनाया गया है।
- सर्वोच्च न्यायालय मौलिक अधिकारों का रक्षक है।
- सर्वोच्च न्यायालय को संविधान की रक्षा के लिए न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति दी गई हैं।
- सर्वोच्च न्यायालय द्वारा संवैधानिक मामलों में राष्ट्रपति के द्वारा लिखित में आवेदन करने पर परामर्श देने का कार्य किया जाता है। परन्तु परामर्श देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय बाध्य नहीं है।
- सर्वोच्च न्यायालय में राज्य उच्च न्यायालयों के द्वारा निर्णित किये गये दीवानी व फौजदारी मुकदमों की अपील की जा सकती है।
- सर्वोच्च न्यायालय अभिलेख न्यायालय के रूप में कार्य कर सकता है। जिसका यह तात्पर्य है कि सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा दिये गये निर्णयों को राज्यों को सभी न्यायालय कानून के रूप में मानेंगे यदि कोई राज्य उच्च न्यायालय या न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय का उल्लंघन करता है तो उस पर न्यायालय की अवमानना का मुकदमा चलता है।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की योग्यताएं
- भारत का नागरिक हो।
- 10 वर्ष तक किसी राज्य के उच्च न्यायालय में अधिवक्ता रह चुका हो। अथवा पांच वर्ष तक वह किसी राज्य के उच्च न्यायालय में न्यायाधीश का कार्य कर चुका हो। अथवा राष्ट्रपति की दृष्टि में वह पारंगत विधिवेत्ता हों।
विभिन्न राज्यों के उच्च न्यायालय, उनके पीठ एवं अधिकार क्षेत्र
नाम | स्थापना-वर्ष | राज्य/क्षेत्रीय अधिकारिता | स्थान | खंडपीठ/न्यायपीठ |
मुम्बई | 1862 | महाराष्ट्र, गोवा, दादर व नागर हवेली तथा दमण व दीव | मुम्बई | नागपुर, पणजी और औरंगाबाद में न्यायपीठ |
कोलकाता | 1862 | पं.बंगाल,अंडमान-निकोबार द्वीप समूह | कोलकाता | पोर्ट ब्लेयर में चलपीठ |
चेन्नई | 1862 | तमिलनाडु, पांडिचेरी | चेन्नई | – |
इलाहाबाद | 1866 | उत्तर प्रदेश | इलाहाबाद | लखनऊ में न्यायपीठ |
कर्नाटक | 1884 | कर्नाटक | बंगलौर | – |
पटना | 1916 | बिहार | पटना | – |
जम्मू-कश्मीर | 1928 | जम्मू-कश्मीर | श्रीनगर,जम्मू | – |
गुवाहाटी | 1948 | असम, मणिपुर, मेघालय,नागालैंड त्रिपुरा, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश | गुवाहाटी, अगरतला तथा शिलांग | कोहिमा में न्याय-पीठ तथा इम्फाल अगरतला व शिलांग में सर्किट न्यायपीठ |
उड़ीसा | 1948 | उड़ीसा | कटक | – |
राजस्थान | 1949 | राजस्थान | जोधपुर | जयपुर में न्यायपीठ |
आन्ध्रप्रदेश | 1954 | आन्ध्रप्रदेश | हैदराबाद | – |
मध्यप्रदेश | 1956 | मध्य प्रदेश | जबलपुर | ग्वालियर, इन्दौर में न्यायपीठ |
केरल | 1958 | केरल, लक्षद्वीप | एर्नाकुलम | – |
गुजरात | 1960 | गुजरात | अहमदाबाद | – |
दिल्ली | 1966 | दिल्ली | दिल्ली | – |
हिमाचल | 1971 | हिमाचल प्रदेश | शिमला | – |
पंजाब,हरियाणा | 1975 | पंजाब, हरियाणा | चंडीगढ़ | – |
सिक्किम | 1975 | सिक्किम | गंगटोक | – |
झारखण्ड | 2000 | रांची | रांची | – |
छत्तीसगढ़ | 2000 | विलासपुर | विलासपुर | – |
उत्तरांचल | 2000 | नैनीताल | नैनीताल | – |
मेघालय | 2013 | मेघालय | शिलांग | – |
मणिपुर | 2013 | मणिपुर | इम्फाल | – |
त्रिपुरा | 2013 | त्रिपुरा | अगरतला | – |