पटवारी के कार्य

पटवारी का क्या कार्य होता है?

  • प्रत्येक तहसील विभिन्न पटवार क्षेत्रों में विभाजित होती है।
  • प्रत्येक पटवार क्षेत्र का प्रमुख अधिकारी पटवारी होता है।
  • पटवारी का कार्यालय उसके कार्य क्षेत्र के प्रमुख गाँव में होता है और वह उसी गाँव में निवास करता है।
  • पटवारी सरकारी प्रतिनिधि के रूप में भारत की ग्रामीण जनता के प्रत्यक्ष निकटतम रहता है।
  • राजस्थान में स्वतंत्रता पूर्व राजस्व एकत्र करने का उत्तरदायी लम्बरदार का होता था लेकिन 1963 में इस लम्बरदार पद को समाप्त करके पटवारी का पद सृर्जित किया गया। 
  • पटवारी का चयन राजस्व मण्डल के द्वारा किया जाता है।
  • पटवारी को विभिन्न प्रशिक्षण केन्द्रों में प्रशिक्षण दिया जाता है।
  • राजस्थान में पटवारी प्रशिक्षण केन्द्र भरतपुर टोंक, भीलवाड़ा और श्री गंगानगर जिलों में स्थित है। जिनमें पटवारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है।

पटवारी के कार्य

भू-अभिलेख रखना

  • अपने पटवार क्षेत्र की भूमि के दस्तावेजों, नक्शों और अन्य अभिलेखों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी पटवारी की होती है।
  • इन अभिलेखों में गाँवों की भूमि की प्रकृति, क्षेत्रफल, भूमि का मालिकाना हक, फसल की स्थिति, सिंचाई के साधन, भूमि के मानचित्र और भू-राजस्व आदि का विस्तृत विवरण होता है।
  • पटवारी अपने पटवार कार्यालय में गाँव की कृषि भूमि की गिरदावरी रिपोर्ट, जमाबंदी ब्रिक्री, राजस्व वसूली पत्र, भूमि का नक्शा, संरक्षण चिह्नों की सूची, खसरा नंबर आदि अभिलेखों को सुरक्षित रखता है।

भू-राजस्व संग्रहण करना

  • गाँव में भू-राजस्व प्राप्त करने का मुख्य उत्तरदायित्व पटवारी का होता है।
  • पटवारी ही गाँव में एकत्रित किये गये भू-राजस्व को तहसील मुख्यालय के कोषागार में जमा करवाता है।

आपातकालीन सहायता

  • गाँव में आने वाली विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं जैसे- बाढ़, सूखा, अकाल, भूकंप, तूफान, ओलावृष्टि, पाला पड़ना, महामारी, टिड्‌डी दल का आक्रमण और फसलों का रोग लगने की स्थिति में पटवारी अपने अधीन आने वाले गांवों में हुए नुकसान की जानकारी एवं सूचना हेतु तहसील कार्यालय को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।

राजस्व अभियानों का संचालन करना  

  • राजस्थान में समय-समय पर राजस्व अभियानों का संचालन किया जाता है।
  • राजस्व अभियानों के समय गाँवों के राजस्व संबंधी रिकार्डों या अभिलेखों को अप टू डेट किया जाता है।
  • इन राजस्व अभियानों में ग्रामीणों की समस्याओं का निवारण करने का प्रयास किया जाता है।
  • गाँवों में राजस्व अभियानों के सफल संचालन के लिए पटवारी की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।

सम्रग ग्रामीण विकास करना

  • गाँवों के समग्र विकास में पटवारी और ग्राम सेवक की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है।
  • गाँवों के विकास हेतु राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना, मनरेगा, 20 सूत्री कार्यक्रम, इंदिरा आवास योजना, स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना, वृद्धावस्था पेंशन योजना, सामाजिक सुरक्षा योजना आदि के संचालन में पटवारी की प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।

सरकार के विभिन्न कार्य करना

  • पटवारी के द्वारा समय-समय पर सरकार के विभिन्न कार्य किये जाते हैं।
  • पशु गणना करना, आर्थिक गणना करना, जनगणना करना और निर्वाचन संबंधी कार्याें को करने में सहायता करना पटवारी का मुख्य दायित्व होता है
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