जिला कलेक्टर के कार्य

जिला प्रशासन में जिला कलेक्टर या डिस्ट्रक्ट कलेक्टर का पद अत्यंत महत्त्वपूर्ण होता है। जिला कलेक्टर भारतीय प्रशासनिक सेवा (I.A.S.) का अधिकारी होता है।

जिला कलेक्टर के कार्य एवं भूमिका

प्रशासनिक अधिकारी के रूप में :- एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में जिला कलेक्टर निम्नलिखित कार्यों को संपादित करता है।

  • पोस्डकॉर्ब (POSDCORB) के कार्यों को करना।
  • जिला प्रशासन के विभिन्न अधिकारियों जैसे तहसीलदार, नायब तहसीलदार और जिले में कार्यरत अन्य राजपत्रित अधिकारियों को पदस्थापना करना और उनका स्थानांतरण करना।
  • वार्षिक बजट का अनुमान प्रस्तुत करना।
  • कार्मिक प्रशासन से संबंधित कार्य करना।
  • जिले के राजस्व भवनों का निर्माण करना और उनकी देखभाल करना।
  • वह जिला कोषालय का प्रभारी होता है और जिले की सभी ट्रेजरी या कोषालयों की सुरक्षा करना उसकी जिम्मेदारी है।
  • सरकारी वाहनों, सर्किट हाउस और डाक बंगले पर नियंत्रण रखना।
  • जिला प्रशासन की संपत्ति, धरोहर, भवनों, इमारतों और पर्यटक स्थलों की रक्षा करता है।
  • जिला प्रशासन में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों का निरीक्षण करना।
  • जिले के गाँवों और नगरीय क्षेत्रों का दौरा करके जनता की शिकायतों की सुनवाई करना। 

जिलाधीश के रूप में 

  • जिला कलेक्टर के रूप में वह राजस्व संग्रह का कार्य करता है। जो निम्न है-
  • भू- राजस्व की दरों का निर्धारण करना।
  • भू- राजस्व को संग्रह करना।
  • कृषि आयकर, ब्रिकी कर, सिंचाई कर, नहरी शुल्क तथा आयकर और अन्य करों को संग्रह करना।
  • कृषि ऋणों का वितरण और उनकी वसूली करना।
  • भू-अभिलेख से संबंधित सभी प्रकरणों को देखना।
  • भू-राजस्व से संबंधित मुकदमों की अपील पर सुनवाई करना।
  • भूमि अधिग्रहण से संबंधित कार्य करना।
  • स्टाम्प एक्ट का क्रियान्वयन करना।
  • सरकारी संपत्ति और भूमि की रक्षा करना।
  • उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो और पटवारी को भू-राजस्व के संबंध में मार्गदर्शन देना और उन पर नियंत्रण करना।
  • कृषि से संबंधित सांख्यिकी और आंकड़ों को तैयार करवाना।
  • जिला स्तर के स्थानीय अधिकारियों के राजस्व निर्णय की अपीलें सुनना। 

जिला दण्डाधिकारी के रूप में

  • जिले में शांति-व्यवस्था और कानून व्यवस्था बनाये रखना।
  • शान्ति भंग होने से उत्पन्न संकट में आदेश जारी करना।
  • साम्प्रदायिक दंगो, आंतककारी गतिविधियों, जन आन्दोलनों, उग्र छात्र प्रदर्शनों, राजनीतिक आन्दोलनों तथा जातीय संघर्षाें पर नियंत्रण करना।
  • फौजदारी घटनाओं के बारे में पुलिस से जानकारी प्राप्त करना।
  • जिले की पुलिस के कार्यों का निरीक्षण करना और उसे तत्संबंधी आदेश एवं निर्देश जारी करना।
  • अपराधियों और असामाजिक तत्वों को जिले से बाहर भेजना।
  • जिला कारागारों एवं उनमें रहने वाले कैदियों का निरीक्षण करना।
  • जिला पुलिस प्रशासन की वार्षिक रिपोर्ट प्राप्त करना और गृह विभाग को उस वार्षिक रिपोर्ट को भेजना।

जिला विकास अधिकारी के रूप में

  • जिले में विकास कार्यों से संबंधित विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन करना।
  • जिले में विभिन्न प्रकार की विकासात्मक और राेजगारोन्मुखी योजनाओं को लागू करना।
  • औद्योगिक विकास के लिये जिला उद्योग केन्द्रों को आवश्यक मार्गदर्शन और निर्देश जारी करना।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में विकास में जन सहभागिता को प्राप्त करके विकासात्मक कार्य करना।
  • पंचायती राज संस्थाओं को विकास कार्यों के लिये सहयोग करना।
  • एकीकृत ग्रामीण विकास योजनाओं का जिले में संचालन करना।
  • जिला परिषद् को विकास के लिये योजनाएं बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने के लिए निर्देश जारी करना।  

आपदा निवारक अधिकारी के रूप में 

  1. बाढ़, भूकंप,अकाल, सूखा और अतिवृष्टि के समय राहत कार्य और राहत सहायता प्रदान करना।
  2. सांप्रदायिक दंगो और आंतकवादी घटनाओं के समय जिला प्रशासन को सक्रिय करना।
  3. महामारी और दैवीय प्रकोप के समय जिला प्रशासन को उचित आदेश एवं मार्गदर्शन प्रदान करना।
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