उपखंड अधिकारी
- भारत में राज्यों के जिलों को उपखण्डों में विभाजित किया गया है।
- उपखण्ड के अधिकारी को उपखण्ड अधिकारी ( SDO ) कहा जाता है।
- जिले में एक से अधिक उपखण्ड होते हैं और कई जिलों में तो 5 से 6 तक उपखण्ड होते हैं।
- उपखण्ड अधिकारी को उपजिला कलेक्टर भी कहा जाता है।
- यह उपखण्ड अधिकारी जिला कलेक्टर और तहसीलदारों के मध्य एक प्रशासनिक कड़ी का कार्य करता है।
- उपखण्ड अधिकारी उपखण्ड में राजस्व से संबंधित उपखण्ड दण्डनायक (SDM) और कार्यपालक अधिकारी के रूप में कार्य करता है।
उपखण्ड अधिकारी के कार्य
भू-राजस्व अधिकारी के रूप में
वह अपने उपखण्ड क्षेत्र में भू-राजस्व से संबंधित न्यायिक, अर्द्धन्यायिक और प्रशासनिक नियंत्रण करने से संबंधित कार्यों को सम्पन्न करता है।
वह अपने उपखण्ड में भू-अभिलेख और राजस्व ग्रामों के नक्शे तैयार करवाता है।
वह राजस्व प्रशासन से संबंधित निम्न स्तरीय कार्मिकों और अधिकारियों जैसे- पटवारी, भू-अभिलेख निरीक्षक और गिरदावर पर नियंत्रण करता है और कानूनगो तथा तहसीलदारों के कार्यों का निरीक्षण करता है।
वह उपखण्ड क्षेत्रों में भूमि का सर्वे और सीमाकंन कराता है, साथ ही उपखण्ड की फसलों और कृषि उत्पादन का आंकलन करवाता है उसकी रिपोर्ट तैयार करवाता है।
उपखण्ड अधिकारी अपने क्षेत्र में भू-राजस्व संग्रहण के लिए तहसीलदार और अन्य अधीनस्थ कार्मिकों को निर्देश देता है।
वह अपने उपखण्ड की शांति-व्यवस्था और राजस्व प्रशासन से संबंधित कार्यों की रिपोर्ट जिला कलेक्टर को प्रस्तुत करता है।
न्यायिक अधिकारी के रूप में
- उपखण्ड अधिकारी अपने क्षेत्र के भू-राजस्व भूमि और सरकारी संपत्ति से संबंधित प्रारंभिक अपीलीय और पुनरीक्षण के लिए न्यायिक और अर्द्धन्यायिक शक्तियों का प्रयोग करता है।
- वह जिन प्रकरणों में न्यायिक अधिकारी के रूप में कार्य करता है वे प्रकरण निम्नलिखित है।
- भूमि सीमा विवाद
- चारागाह और वन भूमि विवाद
- भू-अभिलेख और पंजीकरण के विवाद
- भूमि के नामान्तरण के विवाद
उपखण्ड दण्डनायक के रूप में
वह उपखण्ड में सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट के रूप में शांति व्यवस्था बनाए रखता है।
फौजदारी प्रशासन का संचालन करने, जेल पुलिस थानों और पुलिस चौकियों का निरीक्षण करने, किसी अपराधी को पुलिस के रिमाण्ड में रखने और उपखण्ड क्षेत्र में धारा-144 लागू करने संबंधी कार्यों को सम्पन्न करता है।
प्रशासनिक अधिकारी के रूप में
- उपखण्ड प्रशासन में पदस्थापित लोक सेवकों पर नियंत्रण और पर्यवेक्षण से संबंधित कार्यों को संपादित करता है।
- वह उपखण्ड क्षेत्र की जनता के लिए आवश्यक उपभोग की वस्तुओं जैसे- गेहूँ, चीनी, मिट्टी का तेल, चावल आदि का उचित मूल्यों पर वितरण करवाता और उनका निरीक्षण करता है।
- वह राजस्व अभियानों के अंतर्गत आने वाली विभिन्न प्रकार की जन शिकायतों का निराकरण करता है।
- यह गाँवों में विकास कार्यक्रमों और आर्थिक एवं सामाजिक न्याय के लिए कार्य करता है।