What is The Utility Programs

ये Program भी Computer के निर्माताओं द्वारा उपलब्ध कराये जाते हैं। क्योंकि लगभग समस्त Processing कार्यों में इनका प्रयोग होता हैं। इनमें कुछ परिपूर्ण प्रोग्राम हो सकते हैं या किसी Application Program के Compilation में सहायक होते हैं। ये ऐसे प्रोग्राम हैं जो कुछ कार्यों को पूरा करने में Operating System की मदद करते हैं। Utility Program द्वारा निम्नलिखित कार्य सम्पन्न किए जा सकते हैं-

What is The Utility Programs

  • Data की आवश्यकतानुसार Storing करना।
  • Output की Editing करना।
  • Storage Device पर स्टोर डाटा को किसी अन्य माध्यम पर Transfer करना।

Examples of Utility Programs

Subroutines

Subroutines निर्देशों का समूह होते हैं जो प्रोग्राम में अनेक बार प्रयुक्त होते हैं। इसे एक बार सदैव के लिए लिखना कम खर्चीला होता हैं तथा Debuging में भी कम समय लगता हैं। इससे प्रोग्राम की साईज भी छोटी हो जाती हैं जिससे उस प्रोग्राम को समझने में आसानी होती हैं। इन Subroutines को कॉल किया जाता हैं। Execution होते समय Control उस कॉल की गई जगह से उस Subroutines पर चला जाता हैं तथा वहां के Statement Execute होते हैं। Subroutines का Execution पूरा होते ही Control वापस Main Program में Subroutines के आगे वाले Statement पर आ जाता हैं।

Diagonstic Routines

इस प्रकार के प्रोग्राम भी कम्प्युटर निर्माताओं द्वारा ही बनाए जाते हैं। ये प्रोग्राम किसी Application Program के परीक्षण का कार्य करते हैं तथा इनमें Error ढूँढकर Debugging करने में सहायता करते हैं।

Translator Program

Computer विभिन्न High Level Language जैसे Basic, FORTRAN आदि को नहीं समझता हैं। अतः Programmer द्वारा इन भाषाओं में लिखे प्रोग्राम को मशीन भाषा में Convert कराना पड़ता हैं। वे प्रोग्राम जो एक भाषा के प्रोग्राम को दूसरी भाषा के प्रोग्राम में परिवर्तित करते हैं। Translator Program कहलाते हैं।

High Level Language में लिखे प्रोग्राम को भी मशीन कोड में Convert करना पड़ता हैं। इसके लिए हम दो तरीकों का उपयोग कर सकते हैं-

  • पूरे प्रोग्राम को Convert करना तथा उसके बाद मशीन भाषा वाले प्रोग्राम को रन करना।
  • प्रत्येक निर्देश को एक-एक करके Execute करना।
  • प्रथम विधि से Conversion करने वाले Compiler कहलाते हैं तथा दूसरी विधी से Conversion करने वाले Interpreter कहलाते हैं।

Assembler

यह Assembly Language में लिखे प्रोग्राम को मशीन भाषा में Convert करता हैं। प्रत्येक कम्प्युटर की अपनी मशीन भाषा तथा Assembly Language होती हैं। अतः विभिन्न प्रकार की मशीनों के लिए विभिन्न Converter को प्रयोग में लिया जाता हैं।

Compiler

High Level Language को मशीन भाषा में Convert करने के लिए Compiler का उपयोग किया जाता हैं। High Level Language में लिखे प्रोग्राम को Source Program तथा Conversion के बाद प्राप्त होने वाले Machine Program को Object Program कहते हैं। Source Program से Object Program में Conversion प्रक्रिया को Compilation कहते हैं।

Compilation की प्रक्रिया में Compiler, Source Program को एक साथ Check करता हैं तथा पूरे प्रोग्राम को मशीन भाषा में रूपान्तरित कर देता हैं। विभिन्न भाषाओं के लिए भिन्न-भिन्न Compiler होते हैं। जैसे :- PASCAL Compiler, C Compiler, FORTRAN Compiler.

Compiler Source Program की प्रत्येक लाईन को चैक करता हैं तथा मशीन भाषा में Convert करता हैं। प्रत्येक निर्देश को चैक करते समय वह प्रोग्राम में से गलतियां भी निकालता हैं तथा उन्हें एक साथ Display करता हैं। Compilation की प्रक्रिया तब तक पूरी नहीं होती जब तक की सभी गलतियाँ समाप्त नहीं होती।

एक बार किसी Source Program को Object Program में Convert करने के बाद बार-बार Compiler की आवश्यकता नहीं होती हैं। Next Time हम Object Code को ही सीधे रन कर सकते हैं।

Interpreter

यह एक अन्य प्रकार का Transalator हैं, जो High Level Language में लिखे प्रोग्राम को मशीन भाषा में Convert करता हैं तथा साथ ही Execute भी कर देता हैं। Translation व Execution दोनों एक के बाद एक चलते रहते हैं। अर्थात् Interpreter एक लाईन को चैक करता हैं, Control Unit उस मशीन कोड को Execute करती हैं।

यह क्रम प्रोग्राम के समाप्त होने तक चलता रहता हैं। जबकि Compiler में पूरा प्रोग्राम एक साथ Convert हो जाता हैं और उससे उत्पन्न मशीन कोड को संचित करके पुनः सीधे ही काम में लिया जा सकता हैं। अतः प्रोग्राम को हर बार Execute करने के लिए बार-बार Compilation जरूरी नहीं होता हैं।

Interpreter में हर बार प्रोग्राम रन करने के लिए Source Code आवश्यक होता है जो हर बार Interpret होता है।

Interpreter के प्रयोग में भविष्य के लिए कोई मशीन कोड स्टोर नहीं होता क्योकि Conversion तथा Execution साथ-साथ चलता हैं। अतः अगली बार जब भी निर्देश प्रयोग में आता हैं उसे पुनः रूपान्तरित करना पड़ता हैं।

Application Software in Hindi

किसी विशेष तथा निश्चित कार्यों को करने के लिए बनाये गये Software Application Software कहलाते हैं। इनकी कार्यक्षमता सीमित होती हैं। कार्य के आधार पर किसी भी Programming भाषा में इसका निर्माण किया जा सकता हैं। इसके द्वारा User को अपने कार्य करने में आसानी होती हैं।

इनका प्रयोग करने के लिए User का कम्प्युटर क्षेत्र में दक्ष होना आवश्यक नहीं होता है। Application Software अनेक प्रोग्राम के समूह होते हैं, इसलिए उन्हें Application Software Package भी कहते हैं। उदाहरण के लिए किसी ऑफिस के कर्मचारियों का वेतन तैयार करने के लिए कम्प्युटर प्रोग्राम, किसी फैक्टरी में सामान्य Accounting के प्रोग्राम तथा किसी विशेष क्षेत्रों जैसे-बैंक अस्पताल आदि के लिये लिखे गये Program Application Software कहलाते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं-

  • General Purpose Application Software
  • Special Purpose Application software

General Purpose Application Software

इस तरह के Software किसी भी Field में उपयोग लिये जा सकते हैं। जैसे – Ms-Word, MS-Excel.

Special Purpose Application Software

इस तरह के प्रोग्राम किसी विशेष संस्था के लिये बनाये जाते हैं तथा उसी प्रकार की ही किसी अन्य संस्था में उपयोग हो सकते हैं। अन्य क्षेत्रों में इनका उपयोग नहीं किया जा सकता हैं। जैसे-किसी फेक्टरी, दुकान आदि के लिए बनाये गये Programs

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