India Geography Hindi

स्थलाकृति – केन्द्रीय विस्फोट द्वारा निर्मित स्थलरूप

स्थलाकृति- केन्द्रीय विस्फोट द्वारा निर्मित स्थलरूप लावा मैदान – आभ्यान्तरिक स्थलाकृति बाह्य स्थलाकृतियाँ शंकु – जब विखण्डित पदार्थ एक शंकु के रूप में जमा होते हैं तो उसे ज्वालामुखी शंकु कहते हैं। ये निम्न प्रकार के होते हैं- ज्वालामुखी से संबंधित शब्दावली कॉल्डेरा क्रेटर का विस्तृत रूप कॉल्डेरा कहलाता है। क्रेटर एवं काल्डेरा में जल के भर …

स्थलाकृति – केन्द्रीय विस्फोट द्वारा निर्मित स्थलरूप Read More »

Spread the love

विश्व परिवहन

विश्व परिवहन- जल, नहर, पाइपलाइन, पतन जल परिवहन  अंतरिप पतन इन पतनों में जो माल आता है, उसके भेजनेवाले दूसरे देश होते हैं एवं उनका गंतव्य भी कोई अन्य देश होता है अर्थात् ऐसे पतनों द्वारा एक देश के माल को किसी अन्य देश तक भेजने का कार्य संपन्न किया जाता है । इन पत्तनों पर आने वाले …

विश्व परिवहन Read More »

Spread the love

ज्वालामुखी ( Volcano )

ज्वालामुखी पृथ्वी के आन्तरिक भाग से दरार या छिद्र द्वारा विखण्डित पदार्थों का ऊपरी सतह पर प्रकट होना – ज्वालामुखी कहलाता है। ज्वालामुखी प्रकार पृथ्वी के आन्तरिक भाग से मैग्मा सहित समस्त विखण्डित पदार्थों का ऊपरी सतह पर पहुँचना, एवं ठण्डा होकर ठोस होने की समस्त प्रक्रिया शामिल होती है। ज्वालामुखी उद्गार के फलस्वरूप निकलने …

ज्वालामुखी ( Volcano ) Read More »

Spread the love

हिमालय – भारत का हिमालय

दो भूखण्डों का मिलन : भारतीय उप-महाद्वीप का वर्तमान भौगोलिक स्वरूप गोंडवाना भूमि और अंगारा भूमि के मिलन की कहानी से संबंध रखता है। दक्षिणी भूखंड गोंडवाना भूमि पुराजीव महाकल्प समाप्त होने पर खंडित हो गया और उत्तरी भूखंड अंगारा भूमि की ओर धीरे-धीरे बढ़ने लगा। इस दोनों भूखंडों के बीच विस्तृत सागर के रूप में …

हिमालय – भारत का हिमालय Read More »

Spread the love

उत्तरी भारत का विशाल मैदान – Plains of India

उत्तरी भारत का विशाल मैदान Plains of India – लगभग 3200 कि.मी. की लम्बाई में विस्तृत यह मैदानी भाग औसतन 150-300 कि.मी. की चौड़ाई रखता है जिसका अधितम उच्चावच 291 मी. है। चूंकि यह मैदानी भाग सिंधु गंगा व ब्रह्मपुत्र नदियों के अपवाह तंत्र के द्वारा लाये गये अवसादों से निर्मित है इसीलिए सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र …

उत्तरी भारत का विशाल मैदान – Plains of India Read More »

Spread the love

प्रायद्वीपीय पठार – भारत के पठार

भारत का प्रायद्वीपीय पठार प्रदेश एक अनियमित त्रिभुजाकार आकृति है, जिसका आधार दिल्ली एवं राजमहल की पहाड़ियों के बीच उत्तरी मैदान की दक्षिणी सीमा तथा शीर्ष कन्याकुमारी है। यह पठार भारत का प्राचीनतम भू-खंड है, जिसकी समुद्र तल से औसत ऊंचाई 600 से 900 मी. है। यह पठारी भाग तीनों ओर से पर्वतों द्वारा घिरा …

प्रायद्वीपीय पठार – भारत के पठार Read More »

Spread the love

भारत के पर्वत – घाट

भारत के पर्वत – अरावली, सतपुड़ा और पूर्वी घाट की पहाड़ियां प्राचीन मोड़दार पर्वतों के घर्षित अवशेष हैं। अरावली और बुंदेलखंड के बीच के नाइस क्षेत्र काफी घिस चुके हैं। भारत के पर्वत एवं पहाड़िया विंघ्य और सतपुड़ा के बीच नर्मदा और ताप्ती द्रोणियां प्रसिद्ध भ्रंश घाटियां है। दक्षिणी पठार अत्यन्त पुरानी कड़ी और रवेदार …

भारत के पर्वत – घाट Read More »

Spread the love

भारत के तटीय मैदान

तटीय मैदान – पूर्वी-पश्चिमी तटीय मैदान इन मैदानी का निर्माण नदियों द्वारा लाये गये अवसादों व समुद्री तरंगों द्वारा तटवर्ती भागों के अपक्षयन व अपरदन से निर्मित अवसादों के निक्षेपण से हुआ है। पूर्वी व पश्चिमी तटीय मैदानों में कुछ मूलभूत अंतर है पश्चिमी तटीय मैदान पश्चिमी घाट के पश्चिमी भागों में संकीर्ण तटीय मैदान …

भारत के तटीय मैदान Read More »

Spread the love

भारत के द्वीप समूह

भारत के द्वीप समूह – भारत में कुल 247 द्वीप हैं। भारत में कितने दीप समूह है? – जिनमें से 204 द्वीप बंगाल की खाड़ी में तथा शेष 43 अरब सागर में स्थित हैं।भारत के द्वीप समूह – बंगाल की खाड़ी के द्वीप, अंडमान द्वीप समूह , निकोबार द्वीप समूह, अरब सागर के द्वीप, भारत …

भारत के द्वीप समूह Read More »

Spread the love

भारत की जलवायु – Bharat Ki Jalvayu

भारत की जलवायु कैसी है – भारत की जलवायु पर दो बाहरी कारकों का विशेष प्रभाव पड़ता है (1) उत्तर की ओर हिमालय की ऊंची हिमाच्छादित श्रेणियां इसको संशोधित महाद्वीपीय जलवायु (Modified Continental Climate) का रूप देती हैं। भारत की जलवायु विशेषताएं स्थलीय पवनों का आधिक्य वायु की शुष्कता अधिक दैनिक तापीय-परिसर है (2) दक्षिण …

भारत की जलवायु – Bharat Ki Jalvayu Read More »

Spread the love
error: Content is protected !!