February 2021

जैन साहित्य की प्रमुख रचनाएँ

जैन साहित्य  पंचग्रंथी व्याकरण बुद्धिसागर सूरि की रचना। राजस्थान में आड़ी, पाली, हीयाली आदि शब्द ‘पहेली’ के लिए प्रचलित है। राजस्थान के वागड़ क्षेत्र (डूंगरपुर-बाँसवाड़ा) में ‘गलालैग’ नामक लोक कविताओं में लोक देवी–देवताओं को देवता के रूप में प्रस्तुत कर उनके गुणों और कर्मों को चमत्कार की तरह वर्णित किया जाता है। गद्य साहित्य वात, वचनिका, ख्यात, …

जैन साहित्य की प्रमुख रचनाएँ Read More »

Spread the love

राजस्थानी साहित्य एवं संस्कृति

राजस्थानी साहित्य एवं संस्कृति राजस्थानी की प्राचीनतम रचना    भरतेश्वर बाहुबलि घोर(लेखक वज्रसेन सूरि 1168 ई. के लगभग)।भाषा मारू गुर्जर विवरण – भरत और बाहुबलि के बीच हुए युद्ध का वर्णन है। संवतोल्लेख वाली प्रथम राजस्थानी रचना   भरत बाहुबलि रास (1184 ई.) मेंशालिभद्र सूरि द्वारा रचित ग्रंथ भारूगुर्जर भाषा में रचित रास परम्परामें सर्वप्रथम और सर्वाधिक पाठ वाला खण्ड काव्य। …

राजस्थानी साहित्य एवं संस्कृति Read More »

Spread the love

राजस्थान की साहित्यिक शब्दावली

साहित्यिक शब्दावली कक्का क्या है कक्का उन रचनाओं को कहते हैं, जिनमें वर्णमाला के बावन वर्ण में से प्रत्येक वर्ण से रचना का प्रारम्भ किया जाता है। ख्यात क्या है ख्यात संस्कृत भाषा का शब्द है। शब्दार्थ की दृष्टि से इसका आशय ख्यातियुक्त, प्रख्यात, विख्यात, कीर्ति आदि है अर्थात् ख्याति प्राप्त, प्रसिद्ध एवं लोक विश्रुत …

राजस्थान की साहित्यिक शब्दावली Read More »

Spread the love

राजस्थान के आधुनिक साहित्यकार एवं उनकी कृतियाँ

आधुनिक साहित्यकार यादवेन्द्र शर्मा ‘चन्द्र’          उपन्यास- हूँ गोरी किण पीवरी,खम्मा अन्नदाता, मिट्टी का कलंक,जमानी ड्योढ़ी हजार घोड़ों का सवार। तासरो घर (नाटक), जमारो (कहानी)। रांगेय राघव        उपन्यास- घरौंदे, मुर्द़ों का टीला,कब तक पुकारुँ, आज की आवाज। मणि मधुकर       उपन्यास- पगफैरों, सुधि सपनों के तीर।रसगंधर्व (नाटक)। खेला पालेमपुर (नाटक) विजयदान देथा (बिज्जी) उपन्यास- तीड़ो राव, मां …

राजस्थान के आधुनिक साहित्यकार एवं उनकी कृतियाँ Read More »

Spread the love

राजस्थान में साहित्यिक विकास हेतु संस्थाएँ

राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर राजस्थान में साहित्य की प्रोन्नति तथा साहित्यिक संचेतना के प्रचार-प्रसार हेतु 28 जनवरी 1958 को स्थापित। अकादमी द्वारा राजस्थानी क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार मीरा-पुरस्कार है। संस्थान की पत्रिका-मधुमति। राजस्थान संस्कृत अकादमी, जयपुर संस्कृत भाषा को लोकप्रिय बनाने, संस्कृत मौलिक लेखन को प्रोत्साहन देने, संस्कृत साहित्य को प्रकाशित करने …

राजस्थान में साहित्यिक विकास हेतु संस्थाएँ Read More »

Spread the love

राजस्थानी बोलियां और उनके क्षेत्र

राजस्थानी भाषा की डिंगल और पिंगल शैली, राजस्थानी बोलियां, मारवाड़ी, मेवाड़ी, वागड़ी, ढूँढाड़ी, तोरावाटी, हाड़ौती, मेवाती, अहीरवाटी, मालवी, नीमाड़ी, खैराड़ी, रांगड़ी, शेखावाटी, गौड़वाड़ी, देवड़ावाटी,

Spread the love

राजस्थान की लोक गायन शैलियाँ

लोक गायन शैलियाँ, बन्नो बेगम, राजस्थान की लोक गायन शैलियाँ, लोक गायन की श्रेणी, गवरी बाई मांड गायिका, बन्नो बेगम, प्रसिद्ध मांड गायिकाएँ, मांगणियार गायिकी, लंगा गायिकी, तालबंदी गायिकी, भोपे सम्बन्धित वाद्य,

Spread the love

राजस्थान का संगीत

राजस्थान का संगीत, राजस्थान का संगीत | राजस्थान लोक संगीत, शास्त्रीय संगीत, राजस्थान के प्रमुख संगीत घराने, राजस्थान के प्रमुख संगीत ग्रंथ, संगीत राज, राग मंजरी, राग माला, शृंगार हार, रागमाला ग्रंथ, राग कल्पद्रुम, ध्रुवपद-धमार का डागर घराना, ख्याल शैली, मेवाती घराना, पटीयाला घराना, सेनिया घराना,

Spread the love

राजस्थान के लोकगीत | Rajasthani Lokgeet

राजस्थान के लोकगीत केसरिया बालम यह रजवाड़ी विरह गीत है व राजस्थान का पर्यटन गीत है। घूमर    यह राज्य का सर्वाधिक लोकप्रिय गीत है जो गणगौर व तीज पर घूमर नृत्य के साथ गाया जाता है। मूमल   ये जैसलमेर क्षेत्र का प्रेम गीत है। ढोला मारू यह सिरोही क्षेत्र का प्रेम गीत है। गोरबन्द यह …

राजस्थान के लोकगीत | Rajasthani Lokgeet Read More »

Spread the love
error: Content is protected !!