जैन साहित्य की प्रमुख रचनाएँ
जैन साहित्य पंचग्रंथी व्याकरण बुद्धिसागर सूरि की रचना। राजस्थान में आड़ी, पाली, हीयाली आदि शब्द ‘पहेली’ के लिए प्रचलित है। राजस्थान के वागड़ क्षेत्र (डूंगरपुर-बाँसवाड़ा) में ‘गलालैग’ नामक लोक कविताओं में लोक देवी–देवताओं को देवता के रूप में प्रस्तुत कर उनके गुणों और कर्मों को चमत्कार की तरह वर्णित किया जाता है। गद्य साहित्य वात, वचनिका, ख्यात, …